Move to Jagran APP

वेंटिलेटर कमरों में कैद, अंबू बैग देता सांसें

जागरण संवाददाता फतेहपुर टूटती सांसों को वेंटिलेटर के जरिए बचाने की सुविधा तो है ल

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 06:13 PM (IST)
वेंटिलेटर कमरों में कैद, अंबू बैग देता सांसें
वेंटिलेटर कमरों में कैद, अंबू बैग देता सांसें

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : टूटती सांसों को वेंटिलेटर के जरिए बचाने की सुविधा तो है, लेकिन इनके संचालन को अधिकृत स्टाफ न होने के कारण आज भी ओटी व आइसीयू में अंबूबैग से ही सांसें दी जा रही हैं। करोड़ों के खर्च पर आए वेंटिलेटर ताले में कैद हैं। जी हां, यह हालात जिला अस्पताल व सीएचसी बिदकी, थरियांव व खागा के हैं।

loksabha election banner

गंभीर मरीज की सांसें रुकने लगें तो उसे वेंटिलेटर में लगाकर मशीन से सांसें देकर जान बचाई जा सकती है। निजी अस्पतालों में ऐसा होता भी है। जिला अस्पताल पुरुष व महिला के अलावा कोरोना उपचार के लिए तैयार सामुदायिक अस्पताल थरियांव, बिदकी तथा इंजीनियरिग कालेज खागा में मरीजों के प्रयोग के लिए वेंटिलेटर लगे भी हैं, लेकिन इनको चलाने वाला कोई नहीं है। नतीजा कि बीते एक साल से इन मशीनों पर कपड़ा डालकर रख दिया गया है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर की ऊपरी मंजिल में विशेष कक्ष और जिला अस्पताल ने बनें आइसीयू कक्ष में वेंटिलेटर तो लगा दिए गए हैं, लेकिन संचालन नहीं हो पा रहा है। अस्पतालों में अव्यवस्थाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। सुविधाओं से लैस अस्पतालों में मरीजों की जान बचाने के लिए तीमारदार अब भी अंबू बैग से आक्सीजन देने को मजबूर हैं।

पैरवी के बाद भी नहीं मिला स्टाफ

वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ जिले को मिले इसके लिए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एवं डीएम अपूर्वा प्रयागराज मंडल तक पैरवी कर चुकीं हैं, कमिश्नर की तरफ से आश्वासन भी मिला था। लेकिन आज तक जिले को वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिल सका है। एनेस्थीसिया के डाक्टर चला रहे थे वेंटिलेटर

सीएमओ राजेंद्र सिंह ने कहा कोरोना अस्पताल फिलहाल बंद हैं, लेकिन जब दूसरी लहर के दौरान यह चल रहे थे तो जरूरत पड़ने पर एनेस्थीसिया वाले चिकित्सकों से वेंटिलेटर चलवाए गए थे। जरूरत पड़ने पर यह फिर चलाएंगे। जिला अस्पताल के वेंटिलेटर कैसे चल रहे हैं यह सीएमएस बता सकते हैं। फिजीशियन को दिलाया गया था प्रशिक्षण

सीएमएस डा. प्रभाकर जिला अस्पताल में 12 वेंटिलेटर हैं, चलाने को अलग से स्टाफ नहीं मिला है, लेकिन अस्पताल के फिजीशियन व एनेस्थीसिया के डाक्टरों को प्रशिक्षण दिलाकर वेंटिलेटर संचालन का संचालन करने का निर्देश दिया गया है। जो डाक्टर यह नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वेंटिलेटर सुविधा एक नजर

कुल वेंटिलेटर की संख्या- 41

जिला अस्पताल में लगे- 12

तीन कोरोना अस्पतालों में लगे- 27

रिजर्व में रखे गए है------------02 यहां है वेंटिलेटर की सुविधा

जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल बेबी बार्न यूनिट, सीएचसी थरियांव, सीएचसी बिदकी, कोरोना अस्पताल इंजीनियरिग कालेज खागा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.