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अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़, संचालक समेत दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता फतेहपुर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शातिरों के खिलाफ चल रहे धर पकड़ अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:25 AM (IST)
अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़, संचालक समेत दो गिरफ्तार
अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़, संचालक समेत दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शातिरों के खिलाफ चल रहे धर पकड़ अभियान के तहत स्वॉट व थरियांव पुलिस की संयुक्त टीम ने मुरांव गांव में छापेमारी कर असलहा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी। संचालक समेत दो आरोपितों को टीम ने गिरफ्तार कर मौके से एक देशी रायफल, पांच बने तमंचे, दो अ‌र्द्धनिर्मित तमंचे, जिदा कारतूस, स्प्रिंग, फायरिग पिन, नाल व शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। एसपी कैलाश सिंह ने इस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस टीम को दस हजार रुपये इनाम से पुरस्कृत किया है।

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स्वाट टीम प्रभारी अमित कुमार पांडेय व प्रभारी निरीक्षक संतोष शर्मा ने मुखबिर की सूचना पर मय फोर्स थरियांव थाने के मुरांव गांव में छापा मारकर जंगल में झोपड़ी बनाकर शस्त्र बना रहे विधाता विश्वकर्मा पुत्र स्व. कालीचरण -मुरांव व आदालत विश्वकर्मा पुत्र स्व. रमई -फतेहपुर टेकारी थाना खागा को धर दबोचा। हत्थे चढ़े आदालत ने पुलिस के समक्ष बताया कि 10 से 15 वर्ष पूर्व खागा में वह सरकारी शस्त्र की लाइसेंसी दुकान पर मिस्त्री रह चुका है जिससे उसके पास शस्त्र बनाने का हुनर था वहीं विधाता उर्फ विद्या विश्वकर्मा पूर्व में भी शस्त्र निर्माण में जेल जा चुका है

पुलिस लाइन के सभागार में गुरुवार को सुबह 11 बजे आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस कप्तान कैलाश सिंह ने बताया कि संचालक आदालत विश्वकर्मा पर गुंडाएक्ट, 308, हरिजन एक्ट, आ‌र्म्स एक्ट जैसे 9 मुकदमें कायम हैं जबकि शातिर विद्या उर्फ विधाता पर मारपीट, गुंडाएक्ट, मिनी गुंडाएक्ट, लूट, डकैती आदि के दर्जन भर मुकदमें कायम हैं। जिनकी पुलिस टीम को काफी दिनों से तलाश थी।

इनसेट -

यह हुआ बरामद

पुलिस ने अवैध असलहा कारोबारियों से एक रायफल, पांच तमंचे, दो अ‌र्द्धनिर्मित तमंचे व बनाने के उपकरण, नाल, 20 स्प्रिंग, 14 फायरिग पिन, आठ कारतूस व 12 खोखा कारतूस बरामद हुए हैं। चार हजार में हिस्ट्रीशीटर बेंचता था तमंचे

थरियांव थाने का हिस्ट्रीशीटर विद्या उर्फ विधाता विश्वकर्मा 3 से 4 हजार रुपये में तमंचा निर्मित कर जिले में ही बेचा करता था। अपने साथी अदालत विश्वकर्मा के साथ यह अब तक 45 से 50 तमंचे बिक्री कर चुका है। प्रभारी निरीक्षक संतोष शर्मा ने बताया कि उक्त दोनों शस्त्र कारीगर विगत दस वर्षों से शस्त्र बनाने में लिप्त हैं और कई मर्तबा जेल जा चुके हैं जिन पर कई मुकदमें दर्ज हैं। आरोपित विधाता थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।


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