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चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गो¨वद ¨सह नाम कहाऊं'

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: 'सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गो¨वद ¨

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:42 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:42 PM (IST)
चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गो¨वद ¨सह नाम कहाऊं'
चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गो¨वद ¨सह नाम कहाऊं'

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: 'सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गो¨वद ¨सह नाम कहाऊं' सिखों के दसवें गुरु गो¨वद ¨सह के जन्मोत्सव पर महान योद्धा, सिपाही व सवंशदानी के कृतित्व व व्यक्तित्व को याद किया गया। रेल बाजार स्थित गुरुद्वारे में गुरु गो¨वद ¨सह का 352वां प्रकाश पर्व मनाया गया। सुबह से ही शबद-कीर्तन का दौर शुरू हो गया। दोपहर बाद अटूट लंगर में सभी ने संगत-पंगत किया।

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प्रकाश पर्व पर सिख धर्मावलंबियों के अलावा बड़ी तादाद में ¨हदू भाई-बहन भी कार्यक्रम शरीक हुए। गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हुए मुख्य ग्रंथी गुरुबचन ¨सह ने कहा कि सिखों के दसवें गुरु महान योद्धा, संत, सिपाही व सरवंशदानी थे। उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना शहर में हुआ था। उन्होंने बताया कि गुरु गो¨वद ¨सह 11 नवंबर को 1675 को गुरु गद्दी पर बैठे। उन्होंने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। गुरुद्वारे में दिन भर चले कार्यक्रमों में सिखों के अलावा बड़ी तादाद में ¨हदुओं ने भी हिस्सा लिया। गुरुद्वारे में हुए अटूट लंगर में सभी ने संगत-पंगत किया। अध्यक्ष सरदार प¨पदर ¨सह, लाभ ¨सह, सेठी, दर्शन ¨सह बग्गा, दर्शन ¨सह, व¨रदर ¨सह, न¨रदर ¨सह रिक्की, संत ¨सह, कुलजीत ¨सह, सन्नी ¨सह, गुरमीत ¨सह, घनश्याम, राजा, जसपाल कौर, हरिवंदर कौर, जगजीत कौर, गुरप्रीत कौर, खुशी, हरजीत कौर आदि रहीं।


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