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बाढ़ से नुकसान का सर्वे कराने में हीलाहवाली

यमुना कटरी के 50 गांवों में बाढ़ के पानी से घर-गृहस्थी तबाह हो गयी है लोग सरकारी इमदद के लिए टकटकी बांधे हैं। लेकिन काम की सुस्ती ऐसी है कि अब तक गांवों का सर्वे तक नहीं हो पाया। ऐसे में हाल-फिलहाल बाढ़ प्रभावितों को सरकारी मदद मिलेगी इसकी उम्मीद नहीं है। अहम बात यह है कि प्रशासन ने शासन को अभी तक वह छूट खतौनी तक नहीं भेजी है जिसमें नुकसान का आंकलन करते हुए राहत राशि की डिमांड राहत आयुक्त से की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 07:00 PM (IST)
बाढ़ से नुकसान का सर्वे कराने में हीलाहवाली
बाढ़ से नुकसान का सर्वे कराने में हीलाहवाली

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : यमुना कटरी के 50 गांवों में बाढ़ के पानी से घर-गृहस्थी तबाह हो गई है, लेकिन 20 दिन बीतने के बाद भी गांवों का सर्वे तक नहीं हो पाया है। ऐसे में बाढ़ प्रभावितों को सरकारी मदद मिलने में देरी हो रही है। प्रशासन ने शासन को छूट खतौनी तक नहीं भेजी है, जिसमें धनराशि की मांग राहत आयुक्त से की जाती है।

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डीएम ने एसडीएम को तहसीलवार गांवों की सर्वे रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे, पर लेखपाल रुचि नहीं ले रहे हैं। सर्वे के बाद फसल, पशु, जनहानि, घर आदि प्रभावित होने की सूचनाओं की रिपोर्ट बनानी है। उधर, कुछ लेखपाल सर्वे में सुविधा शुल्क लेकर सूची में नाम चढ़ा रहे हैं। इस संबंध में डीएम संजीव सिंह का कहना है कि प्रभावित व्यक्ति छूटा तो संबंधित लेखपाल पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सर्वे में हो रही देरी पर एडीएम पप्पू गुप्ता ने कहा कि लेखपाल लगाए गए हैं, जल्द ही सर्वे करा कर लाभ दिया जाएगा।

बाढ़ से यह गांव हुए थे प्रभावित

सदर तहसील : अढ़ावल, ललौली, उरौली, दसौली, महना, दशहरी, सेमरई, कोर्रा करन, दतौली, गढ़ी, लमेहटा, सेमरामऊ आदि।

बिदकी तहसील : परसेढ़ा, दरियाबाद, दपसौरा, रिठवां, मवई, रुस्तमपुर, गजईपुर, बारा, बरवां, ककोरा, धौरहरा, कुकेड़ी, जमरौली, महौरी, सैंबसी, बिदौर, गौरी-औरा, गंगाली, चांदपुर आदि।

खागा तहसील : गुरुवल, महावतपुर असहट, गढ़ा, कोट, बरार, बदनमऊ, ऐरई, चक शाहजहांपुर, मड़ौली, विकौरा, गढ़ीवां, जगदीशपुर, एकड़ला, अहमदगंज तिहार, खरखर, रानीपुर, सलेमपुर, गाजीपुर आदि।

इस दर से मिलेगा मिलेगा मुआवजा

सिचित क्षेत्र प्रति हेक्टेयर- 13500 रुपये (बोई फसल नष्ट होने पर)

असिचित क्षेत्र प्रति हेक्टेयर- 6800 रुपये (बोई फसल नष्ट होने पर)

पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने पर- 5500 रुपये

पक्का मकान ध्वस्त हो जाने पर- 95,100 रुपये

कच्चा मकान ध्वस्त-क्षतिग्रस्त होने पर- 3200 रुपये

झोपड़ी ध्वस्त-क्षतिग्रस्त होने पर- 4100 रुपये

गाय-भैंस आदि मरने पर- 30 हजार प्रति पशु

भेड़, बकरी आदि मरने पर- 3000 रुपये प्रति पशु

मुर्गी-मुर्गा मरने पर प्रति केस- 50 रुपये या अधिकतम पांच हजार तक


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