महामारी के भय से बदले-बदले हैं सरकारी दफ्तर
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना का भय व दहशत ऐसी है कि हर कोई फूंक-फूंककर क
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: कोरोना का भय व दहशत ऐसी है कि हर कोई फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। सरकारी कार्यालय दो दिन के लॉकडाउन के बाद सोमवार को खुले तो नजारा बदला-बदला दिखा। अफसर कुर्सी पर तो मौजूद रहे, लेकिन जनता से उनका मिलना नहीं हुआ। कर्मचारी मास्क के साथ काम करते दिखे। जागरण ने कुछ सरकारी कार्यालयों का हाल देखा और वहां आने वाले फरियादियों की स्थिति को भी समझा।
दृश्य एक...
तहसील का मुख्य गेट बंद, खिड़की से सुनवाई
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तहसील का मुख्य गेट आम फरियादियों के लिए बंद कर दिया गया है। यहां गेट से केवल कर्मचारियों को ही प्रवेश दिया जाता है, जो कि हाथ सैनिटाइज करके और फेस मास्क लगाकर अंदर जाते हैं। एसडीएम प्रमोद झा ने दफ्तर को कांच की दीवार उठाकर दो भागों में बांट दिया है। वह कांच की एक तरफ जहां बैठते हैं तो दूसरी तरफ कर्मचारी या कोई विशेष जरूरत वाला फरियादी उनसे मिल सकता है। तहसील में थर्मल स्क्रीनिग की एक टेबल गठित है। हर शाम तहसील को बंद करने से पहले सैनिटाइज किया जाता है।
दृश्य दो..
विकास भवन में सतर्कता को बनाया बचाव का हथियार
विकास भवन में दो कर्मचारी कोरोना की चपेट में पूर्व में आए थे, जिसके बाद यहां के कर्मचारियों ने सतर्कता को बचाव का हथियार बना लिया है। यहां हर विभागाध्यक्ष के कक्ष के सामने जहां रस्सी बांधकर सीधे प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है तो वहीं कर्मचारी शारीरिक दूरी का पालन कर अपनी-अपनी कुर्सियों में ही बैठते हैं। यहां पंचायती राज, कृषि, अल्पसंख्यक आदि कार्यालयों का हाल तो यह है कि यहां कर्मचारी एक-दूसरे को छूने तक में सतर्कता बरत रहे हैं। फरियादियों के लिए यहां सैनिटाइर रखा है पहले उनके हाथ सैनिटाइज कराया जाता है और मुह में मास्क या रुमाल बंधवाई जाती है तब लोग अंदर आते हैं।