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प्राचीन मंदिरों का रास्ता व इतिहास बताएगा गूगल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व समेत जनपद की ख्याति अब देश-दुनिया तक

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 12:01 AM (IST)
प्राचीन मंदिरों का रास्ता व इतिहास बताएगा गूगल
प्राचीन मंदिरों का रास्ता व इतिहास बताएगा गूगल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व समेत जनपद की ख्याति अब देश-दुनिया तक पहुंचेगी। पहली बार प्रशासन ने जिले के प्राचीन धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक स्थलों का सर्वे कराकर इनकी गूगल मै¨पग करा रहा है। आक्षांस व देशांतर के जरिए गूगल का सर्च इंजन न सिर्फ मंदिर का रास्ता बताएगा बल्कि मंदिर के इतिहास और पौराणिकता की जानकारी हासिल होगी। प्रशासन के इस प्रयास से उन लोगों को फायदा मिलेगा जो देश के किसी भी कोने में बैठ कर फतेहपुर आने की योजना बना रहे हैं।

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सर्वे के जरिए मंदिरों की जीपीएस प्रारंभ कर दी गयी है, पहले चरण में सदर तहसील के तांम्बेश्वर मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, अयोध्या कुटी, कालीमाता मंदिर, जागेश्वर धाम, थवईश्वर मंदिर, ऋषि भृगु की तपोस्थली भिटौरा, अश्वनी कुमारों की नगरी असनी, हसवा का चर्चित रानी तालाब, ¨बदकी तहसील में मुगलिया शासन की गवाह औरंगजेब की पवेलियन, ब्रिटिश शासन का क्रूरता का परिचायक बावनी इमली, डूंडेश्वर मंदिर, खागा में ठा. दरियाव ¨सह स्मारक और मंझिलगांव स्थिति पौराणिक शिव मंदिर की गूगल मै¨पग की जा रही है। एडीएम जेपी गुप्ता बताते है कि हमने ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व वाले जिले के कुल 42 स्थानों को गूगल मै¨पग कराने का निर्णय लिया है। जिसकी तैयारी प्रारंभ कर दी गयी है। बस कुछ दिन का इंतजार है इसके बाद गूगल सर्च में मंदिरों-ऐतिहासिक स्थलों का इतिहास, वर्तमान स्थिति और पहुंचने का रास्ता दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि तीनों तहसीलों में इसके लिए तहसीलदारों को जिम्मेदारी दी गयी है।


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