शार्ट सर्किट से लगी आग, पांच घरों की गृहस्थी राख
संवाद सूत्र हुसेनगंज (फतेहपुर) औढ़ेरा गांव में सोमवार को दोपहर रखे ट्रांसफार्मर में शार्ट सर्किट से छप्पर में आग लग गई। विकराल रुप धारण किए आग से पांच घर जलकर ढह गए। खबर पाकर पौने घंटे बाद पहुंची दमकल टीम ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने में जुट गई। अग्निकांड में
संवाद सूत्र, हुसेनगंज: औढ़ेरा गांव में सोमवार को दोपहर रखे ट्रांसफार्मर में शार्ट सर्किट से छप्पर में आग लग गई। विकराल रुप धारण किए आग से पांच घर जलकर ढह गए। खबर पाकर पौने घंटे बाद पहुंची दमकल टीम ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने में जुट गई। अग्निकांड में 80 हजार रुपये नगद, जेवर, कपड़े, बाइक, साइकिल समेत तीन लाख रुपये से अधिक का सामान जलकर राख हो गया।
हुसेनगंज कस्बा के हथगांव रोड पर गैस गोदाम के समीप औढ़ेरा गांव में भट्ट बिरादरी के करीब दो दर्जन परिवार झोपड़ी डालकर विगत दो वर्षों से रह रहे हैं। इनकी आबादी के बीच में एक ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। बताते हैं कि ट्रांसफार्मर में तकनीकी खामी के चलते शार्ट सर्किट से चिगारी निकली और चिगारी रखे खर पतवार व छप्पर में जा गिरी। इससे रामसजीवन उर्फ प्रधान के घर में भीषण आग लग गई। आग की लपटों की चपेट से गोविद, इनके बेटे संतोष कुमार, उमाशंकर, विधवा फुलवा के छप्परनुमा घर जलने लगे। एफएसओ अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में दमकल टीम देर से मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई, लेकिन कुछ देर बाद टैंकर में पानी खत्म हो गया जिस पर कुछ दूर पर नलकूप चलवाकर टैंकर में पानी भरवाकर आग बुझाई गई।
पीड़ित रामसजीवन की गृहस्थी का सामान, नकदी आदि जल गया। जबकि गोविद के घर में जेवर व तीस हजार रुपये नगद जल गया।
संतोष कुमार की बाइक, टीवी, बर्तन व घरेलू सामान समेत तीन हजार रुपये नगद जल गया। उमाशंकर का 15 हजार रुपये नगद, साइकिल फुंक गया। फुलवा के घर में घर के बैनामा के कागजात आदि जल गए। सूचना पर एसओ निशिकांत राय व लेखपाल विनय कुमार मौके पर पहुंचे। जिला अग्निशमन अधिकारी अशोक कुमार सिंह का कहना था कि आग बुझाने में पानी कम पड़ गया था लेकिन ग्रामीणों की मदद से नलकूप चलवाकर आग बुझाई गई। करीब दो घंटे में आग बुझा दी गई।
पीड़ितों को मुआवजे की दरकार
अग्निकांड पीड़ितों का कहना था कि उनके घर का सारा सामान जलकर राख हो गया और ठंड के कपड़े, खाद्यान्न के साथ नगद रुपये व बर्तन तक जल गए जिससे अब वह दाने दाने को मोहताज हो गए हैं। पीड़ितों ने प्रशासनिक अफसरों से उचित मुआवजे की मांग की है, ताकि परिवार का भरण पोषण चल सके।