भावी पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक
जागरण संवाददाता फतेहपुर जल जमीन व हवा में व्याप्त प्रदूषण निश्चित ही हमारे लिए तो जहर है
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: जल, जमीन व हवा में व्याप्त प्रदूषण निश्चित ही हमारे लिए तो जहर है ही, आने वाली पीढि़यों के लिए भी शुभ संकेत नहीं है। निश्चित ही अब भाषण, संगोष्ठी व बैठकों में पर्यावरण संरक्षण की दुहाई देने भर से काम नहीं चलने वाला है। जरूरत जमीनी काम की है। इसके लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। जब सभी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तभी हालात बेहतर होंगे। पहले तो हम स्वयं किसी भी प्रकार का प्रदूषण न फैलाने का संकल्प लें और इसके बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वयं आगे आएं और अन्य को भी प्रेरित कर अपने साथ जोड़ें।
पौधों की करेंगे परवरिश
शहर के आदर्श नगर मोहल्ला निवासी किसान नेता अनंत सिंह गौतम ने कहा कि स्वयं तो धरती गहने रोपेंगे, साथ ही अन्य को प्रेरित कर पौधारोपण करवाएंगे। इतना ही नहीं रोपी गई पौध की परवरिश का पूरा जिम्मा उठाएंगे। जब तक वह पौध पूर्ण दरख्त नहीं बन जाएगी, तब तक उसकी परवरिश के लिए पूर्ण मनोयोग से काम करेंगे। इस बार लगाएंगे 12 पौधे
खागा कस्बे के कैनाल रोड निवासी विधि स्नातक व्यवसायी प्रेमनारायण शर्मा ने खाली पड़ी जमीनों पर पौधारोपण करते हैं। इतना ही नहीं इन पौधों पर समय-समय पानी देने जाते हैं। अब तक आधा सैकड़ा पौधों को पूर्ण दरख्त बना चुके प्रेम नारायण कहते हैं कि इस वर्ष 12 पौधा रोपित कर उनकी परवरिश का जिम्मा उठाएंगे। ताकि गंगा का पानी रहे निर्मल
भदबा मोहनखेड़ा गांव निवासी किसान नेता राजेंद्र सिंह स्नातक तक शिक्षित हैं। उन्होंने कहा कि गंगा हमारी पवित्र नदी है और नदी को निर्मल-अविरल रखना हमारी जिम्मेदारी है। प्रत्येक अमावस्या व पूर्णिमा को आधा क्विंटल मछली के बच्चों को गंगा की जलधार में प्रवाहित करेंगे, ताकि जलीय जीवों की तादाद कम न होने पाए। सार्वजनिक नलों की टोंटिया लगवाएंगे
शहर के पीलू तले चौराहा निवासी परास्नातक व्यवसायी विनोद कुमार गुप्त कहते हैं कि शहर में विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक नलों की टोंटियां टूटी होने से पेयजल बर्बाद होता है। ऐसे में पूरे वर्ष शहर में कहीं भी टूटी टोंटी दिखाई पड़ेगी तो उसमें नई टोंटी लगाएंगे, ताकि पेयजल की बर्बादी रोकी जा सके। घर-घर में छा जाए हरियाली
शहर की शिक्षिका अलका आर्या कहती हैं कि वह फलदार, छायादार व फूलदार पौधों का रोपण गमलों में कर रही हैं। लॉन या फिर कुछ पौधे आंगन पर गमलों में सजाए हैं। अबकी मोहल्ले के पड़ोसियों से भी ऐसी पौधा रोपण घर पर ही करने की बात कहेंगी। इससे पूरे मोहल्ले के घर-घर हरियाली दिखाई देने लगे।