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सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे कर्मचारी, काम ठप

चकबंदी का राजस्व विभाग में संभावित विलय भांप कर गुरुवार को राजस्व महासंघ ने आर-पार की लड़ाई का शंखनाद कर दिया। अफसर व कर्मचारियों ने नहर कालोनी मैदान में धरना देकर दोनो विभागों की उपयोगिता पर तर्क देते हुए पुरानी व्यवस्था के अनुसार दोनों विभागों को संचालित रखने और राजस्व अफसरों व कर्मचारियों की लंबित मांगे पूर्ण करने का मांग पत्र जरिए डीएम सीएम को भेजा। एकजुटता से लवरेज कर्मचारियों ने खुले मंच से सरकार को चेतावनी भी दी कि जबरन विलय पर परिणाम गंभीर होंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:05 AM (IST)
सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे कर्मचारी, काम ठप
सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे कर्मचारी, काम ठप

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: चकबंदी का राजस्व विभाग में संभावित विलय भांप कर गुरुवार को राजस्व महासंघ ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। अधिकारियों व कर्मचारियों ने नहर कॉलोनी मैदान में धरना देकर दोनों विभागों की उपयोगिता पर तर्क देते हुए पुरानी व्यवस्था के अनुसार दोनों विभागों को संचालित रखने और राजस्व अफसरों व कर्मचारियों की लंबित मांगे पूर्ण करने का मांग पत्र जरिए डीएम सीएम को भेजा। कर्मचारियों ने मंच से सरकार को चेतावनी कि जबरन विलय पर परिणाम गंभीर होंगे।

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धरने को महासंघ की अध्यक्ष-तहसीलदार सदर विदुषी सिंह, तहसीलदार खागा शशिभूषण मिश्र व बिदकी तहसीलदार चंद्रशेखर ने बारी-बारी से संबोधित किया। इसके अलावा कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के सरफराज हुसैन, कंधई लाल, राम किशोर, शिव करण सिंह, संतराज, अनवर हुसेन, सुनील तिवारी, सुनील शुक्ला, संगीता यादव ने सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। अध्यक्ष ने कहा कि चकबंदी का विलय होने पर राजस्व विभाग में प्रोन्नति प्रक्रिया ठप हो जाएगी, चूंकि विलय पर रिक्त पदों पर चकबंदी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सीधे अवसर पाएंगे। उन्होंने राजस्व विभाग में वेतन उच्चीकरण, पदोन्नति भी नियमानुसार पर समय पर करने की मांग उठाई।

विरोध प्रदर्शन को इनका समर्थन

गुरुवार को राजस्व महासंघ द्वारा आयोजित धरने में प्रशासनिक अधिकारी संघ, राजस्व निरीक्षक संघ, संग्रह अमीन संघ, लेखपाल संघ, मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, संग्रह अनुसेवक संघ, स्टोनोग्राफर संघ, ने धरने को समर्थन देते हुए प्रतिभाग किया। इन संगठनों ने भी सरकार के संभावित विलय को गलत ठहराकर पुरजोर विरोध किया।

सरकार के विरोध में सरकार को लगी चपत

महासंघ ने सरकार की नीतियों का विरोध धरना देकर किया। लेकिन इसके लिए अधिकारी सरकारी वाहन व डीजल पर ही धरना स्थल पर पहुंचे और एक दूसरे कर्मचारी से वार्ता के लिए सरकारी फोन का ही उपयोग किया। कई अफसरों के अर्दली तो साहब के धरना में होने के कारण वाहनों के पास खड़े होकर समय काटते देखे गए।

संवर्ग के जरिए उच्च पदों पर निशाना

धरने को संबोधित करते हुए एक साहब ने तो अपने उच्च अफसरों को नहीं छोड़ा। बोले इसी संवर्ग से निकल पर आज वह एसडीएम, एडीएम व डीएम जैसे पदों तक पहुंचे हैं, लेकिन अब जब संवर्ग के अधिकारियों का भविष्य खतरे में हैं तो वह सहयोग के बजाए असहयोग कर रहे हैं।


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