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कक्षा संचालन से बायकाट कर ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमण के साथ ही बंद विद्यालयों में ऑनलाइन पठन पाठन व्

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:27 PM (IST)
कक्षा संचालन से बायकाट कर ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर
कक्षा संचालन से बायकाट कर ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण के साथ ही बंद विद्यालयों में ऑनलाइन पठन पाठन व्यवस्था लागू की गई थी। शुरुआत विरोध के बाद अब इसे अभिभावक और बच्चे अंगीकार कर रहे हैं। विद्यालयों की कक्षाओं का संचालन शुरू करने के बाद भी हाजिरी दुरुस्त नहीं हो पा रही है। घर बैठे बच्चे ऑनलाइन तरीके से ही पठन पाठन को तवज्जो दे रहे हैं। विद्यालयों के तमाम प्रयासों के बाद अभिभावक बच्चों को कोरोना के चंगुल में नहीं आने देना चाह रहे हैं। यही वजह है कि वह सहमति पत्र को दस्तखत करके नहीं दे रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल तक की जिम्मेदारी तो जिम्मेदार उठा लेंगे। स्कूल के अलावा आने जाने के समय में संक्रमण से बचाने की कौन उठाएगा। यही वजह है कि साल खराब हो जाएगा तो दूसरी साल पढ़ाई हो जाएगी।

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यह है कक्षा संचालन की व्यवस्था

कक्षाओं के संचालन को लेकर शासन ने गाइड लाइन बनाई है। उसके मुताबिक विद्यालय में पंजीकृत बच्चों में 50 फीसद बुलाया जाना है। इस पचास फीसद को कुछ विद्यालयों ने कक्षावार बुलाने की व्यवस्था अपनाई है तो कुछ ने कक्षावार आधे बच्चों को बुलाने के इंतजाम किए हैं।

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कक्षाओं में पढ़ाई का अपना मजा होता है। पढ़ाई भी अधिक समझ में आती है। हम तो ऑनलाइन औरऑफ लाइन दोनों से पढ़ाई क रहे हैं। काजल, कक्षा 10

- कोरोना के चलते पढ़ाई पर बुरा असर हुआ है। अभी भी डर समाया रहता है। कॉलेज भी जाते हैं औरजिस नहीं जा पाते हैं उस दिन ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं। सीमा गुप्ता, कक्षा 12 ऑनलाइन पढ़ाई में इंटरनेट के कमजोर होने पर दिक्कतें आती हैं। स्कूल के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के साथ वीडियो डाल दिए जाते हैं तो पढ़ाई में मदद करते हैं। कुमार शाहिल, कक्षा 9 कोरोनों के साथ जहां तमाम काम प्रभावित हुए हैं वहीं पढ़ाई भी खासी बदहाल हुई है। ऑानलाइन पढ़ाई न इसे खूब संवारा है। अगर ऑन लाइन पढ़ाई न होती तो पूरा साल बर्बाद हो जाता। धर्मेंद्र कुमार, कक्षा 9 ------------------------

अभिभावक नहीं दे रहे सहमति पत्र

विद्यालयों में शुरू की गई कक्षाओं में अभिभावक की सहमति पर ही बच्चों को बुलाए जाने का आदेश है। अभिभावक कोरोना को लेकर खासे दहशत में हैं। समझाने के बाद भी सहमति पत्र नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते कक्षाओं की हाजिरी पर असर पड़ रहा है। बच्चों का अहित न हो इसके लिए पठन पाठन के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। मोनी गुप्ता, प्रधानाचार्य रामा अग्रहरि बालिका इंटर कॉलेज, देवीगंज

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ऑनलाइन का बच्चों में जोर

पठन पाठन के लिए शासन ने ऑनलाइन और आफलाइन का विकल्प अपनाने को कहा है।अभिभावकों की इच्छा पर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रहे हैं। कोरोना का भय अभिभावकों में अभी भी समाया हुआ है। जिसके चलते हाजिरी अच्छी नहीं हो पा रही है। जबकि निर्देश के मुताबिक 50 प्रतिशत बच्चे ही बुलाए जाने के निर्देश हैं। विनय प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य, जय मां सरस्वती इंटर कॉलेज, राधानगर


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