इमरजेंसी में नहीं मिला पेट दर्द का इंजेक्शन, हंगामा
(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)(भारत सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय)
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार हो इसके लिए शासन से नवीनतम टेक्नालॉजी की मशीनों से लेकर दवाएं तक सरकार जिला अस्पताल को मुहैया करा रही है। लेकिन चिकित्सकों की अनदेखी और लापरवाही का नतीजा कि मरीज इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है। गुरुवार को शहर के मसवानी मोहल्ला निवासी कौशल किशोर प्रजापति ने अपनी 20 वर्षीय पुत्री समानता को जिला अस्पताल के इमरजेंसी में दिखाया। यहां ड्यूटी डाक्टर मरीज को दर्द का इंजेक्शन तक मुहैया नही करा पाए। मां रामा देवी को एक सफेद पर्ची में इंजेक्शन का नाम लिखकर पर्ची थमा दी। मां के अनुसार बेटी को राहत मिले इसके वह बाहर से 150 रुपये का इंजेक्शन खरीद कर लाई। पिता के साथ पीड़ित समानता के भाई ने अस्पताल की सेवाओं लेकर हंगामा किया और मामले की शिकायत स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से की। मामला ऊपर तक बढ़ता देख ड्यूटी डाक्टर ने इसे आनन फानन में भर्ती किया और अब इसका उपचार हो रहा है। पीड़िता समानता के अनुसार उसे पेट दर्द और उल्टियां आने की समस्या थी। वह शहर के एक महाविद्यालय में बीएससी की छात्रा है। वहीं महकमे की फंसती गर्दन को देखते हुए अफसर भी बचाव में जुट गए हैं।
उधर सीएमएस डॉ. प्रभाकर का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। प्रकरण की जांच कराई जाएगी। चूंकि बाहर से कोई दवा न लिखी जाए इसके आदेश वह पहले ही जारी कर चुके हैं।