असोथर में 300 गांवों की गुल रही बिजली
जागरण टीम फतेहपुर एक तो संसाधनों की कमी ऊपर से बेलगाम कर्मचारी और अधिकारी। आखिर
जागरण टीम, फतेहपुर : एक तो संसाधनों की कमी ऊपर से बेलगाम कर्मचारी और अधिकारी। आखिर बिजली व्यवस्था पटरी पर आए तो कैसे? बुधवार को 33 हजार लाइन में आई फाल्ट की वजह से असोथर क्षेत्र के तीन सौ गांवों की बिजली करीब 12 घंटे गुल रही। बिजली गुल होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ा। वहीं शहर सहित अन्य ग्रामीणांचलों में लोकल फाल्ट की वजह से बिजली आती-जाती रही।
चुरियानी गांव के समीप 33 हजार बिजली की लाइन में आई खराबी की वजह से कस्बा असोथर समेत सरकंडी, मैकुआपुर, रामनगर कौहन, हरनवां, तबली का डेरा, कठौता, बाबा तारा समेत तीन सौ गांव व मजरों की आपूर्ति सुबह छह बजे गुल हो गई। सुबह से व्यवस्था को दुरुस्त करने में विभाग के कर्मचारी हवा में तीर चलाते रहे। पहले तो उन्हें फाल्ट की जानकारी ही नहीं हुई। आखिर शाम छह बजे के बाद फाल्ट खोज पाए तो 12 घंटे बाद बिजली आपूर्ति चालू हो सकी। उधर कौंडर व घघौरा गांव के दो ट्रांसफार्मर एक सप्ताह पहले फुंक गए थे, जिन्हें बदलवाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार क्षेत्रीय अवर अभियंता से गुहार लगाई लेकिन अब तक ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा सके। ट्रांसफार्मर न बदलने से इन गांवों के लोग एक सप्ताह से अंधेरे में रहने को विवश हैं। संसाधनों की कमी बहाली में रोड़ा
बिजली की बहाली में संसाधनों की कमी रोडा है। शहर क्षेत्र के 60 तो गांवों के 150 ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं, जिससे बिजली घंटों गुल रहती है और लोग बेहाल रहते हैं। बिजली अधिकारियों ने मुख्य अभियंता प्रयागराज समेत कई उच्चाधिकारियों को संसाधनों की कमी का एस्टीमेट बनाकर चार बार भेजा है, लेकिन सामान नही मिले। अधीक्षण अभियंता राकेश पांडेय का कहना था कि 35 उपकेंद्रों की क्षमता बढाने व कम क्षमता के ओवरलोड ट्रांसफार्मरों को हटाकर अधिक क्षमता के टांसफार्मर लगाने समेत कई संसाधनों की मांग की गई है। इस सामग्री की दरकार
केबल एक हजार किमी, तार 2 हजार किमी, इंसुलेटर आठ हजार, 25 केवी के 15 हजार ट्रांसफार्मर, 63 केवी एक हजार, 250 केवी 25 व 400 केवी के 15 ट्रांसफार्मर चाहिए।
फाल्ट खोजने में लग जाते हैं कई घंटे
- यह उपकरण जिले में एक भी नहीं है। इससे बिजली लाइन की अंडरग्राउंड फाल्ट को खोजता है। इसके न होने से बिजली टीमों को फाल्ट खोजनों में कई घंटे लग जाते हैं। - 11 हजार लाइन में तार लगे हैं, जिससे बिजली की आपूर्ति में बहाली में बाधा रहती है। जबकि लाइन में एल्युमीनियम के तार लगाने की मांग की है। - विगत दो साल से लाइनों में आई फाल्ट को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों ने टेंडर नही किए हैं। इससे बिजली उपकेंद्र की बहाली में घंटो का समय लग जाता है।