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कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आठ किमी तक हाईवे पर रहेगा वन-वे

सावन महीने के तीसरे सोमवार को सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त नौबस्ता घाट से गंगा जल

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2022 04:01 AM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2022 04:01 AM (IST)
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आठ किमी तक हाईवे पर रहेगा वन-वे
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आठ किमी तक हाईवे पर रहेगा वन-वे

कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आठ किमी तक हाईवे पर रहेगा वन-वे

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संवाद सहयोगी, खागा : सावन महीने के तीसरे सोमवार को सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त नौबस्ता घाट से गंगा जल लेकर कुंडेश्वर महादेव मंदिर मझिलगांव जाते हैं। रविवार की देर रात से से शिव भक्तों का आना शुरू हो जाता है। कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासनिक अफसरों ने कानपुर-प्रयागराज हाईवे के नौबस्ता बाईपास चौराहे से लेकर पुरइन तिराहे तक आठ किमी तक प्रयागराज जाने वाली लेन से रोक दिया है। सोमवार की रात आठ बजे तक वन-वे व्यवस्था लागू रहेगी।

एसडीएम मनीष कुमार ने कोतवाली प्रभारी जेपी शाही के साथ नौबस्ता घाट से लेकर मझिलगांव कुंडेश्वर महादेव मंदिर तक के रूट का निरीक्षण किया। उन्होंने नौबस्ता रोड तथा हाईवे किनारे व्याप्त अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए। पुलिस कर्मियों ने सड़क किनारे खड़े वाहन स्वामियों, गुमटी, ठेला वालों को बुलाकर तत्काल जगह खाली करा दी। कांवड़ियों के रूट पर नौबस्ता घाट से लेकर मझिलगांव मंदिर तथा नगर के अंदर नौबस्ता रोड तिराहा, चौक, नगर पंचायत कार्यालय के सामने, पूर्वी बाईपास पर पुलिस कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई। एसडीएम ने बताया कि नौबस्ता चौराहा से पुरइन तिराहे तक का लेन सोमवार की रात आठ बजे तक कांवड़ियों के लिए सुरक्षित रहेगा।

10 वर्ष पहले हुआ था हादसा

वर्ष 2012 में पूर्वी बाईपास स्थित एक धर्मकांटा के सामने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने जा रहे कांवड़ियों के एक जत्थे को ट्रक ने कुचल दिया था। इसमें पांच श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के लिए ले जाते समय दो कांवड़ियों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से ही वन-वे व्यवस्था बराबर प्रभावी रहती है।

मोटे महादेव किशुनपुर भी जाते कावड़ियां

सावन के तीसरे सोमवार को कुंडेश्वर महादेव मंदिर मझिलगांव के अलावा किशुनपुर कस्बा स्थित मोटे महादेव मंदिर में भी शिव भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए जल लेने नौबस्ता गंगा घाट जाते हैं। रविवार शाम आठ बजे से सोमवार रात आठ बजे तक कांवड़ियों का आना-जाना रहता है।


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