खुले में शौच पर छिनेगी प्रधानी, बीडीओ होंगे दंडित
बेसलाइन सर्वे 2012 और छूटे परिवारों को इज्जत घर का लाभ सर्वे 201
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बेसलाइन सर्वे 2012 और छूटे परिवारों को इज्जत घर का लाभ सर्वे 2018 के तहत जिले भर में 3.40 लाख इज्जत घर उन घरों में बनाए गए हैं, जो खुले में शौच जाते थे। बावजूद इसके इज्जत घर प्रयोग को लेकर आम लोगों में संजीदगी नहीं है। नतीजा कि अब भी लोग सुबह शाम लोटे का सहारा लेते हैं, और इज्जत घर का प्रयोग शौच से इतर कार्यों पर करते हैं। अब प्रशासन ने खुले में शौच रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। अब खुले में शौच पाए जाने पर प्रधान जी की प्रधानी छिनेगी तो बीडीओ साहब भी दंडित किए जाएंगे।
प्रशासन के आंकड़ों के हिसाब से जिले में जिन भी परिवारों के पास इज्जत घर बना है और वह खुले में शौच जाते हैं, या अपने इज्जत घर का प्रयोग शौच के अलावा अन्य किन्हीं कारणों के लिए करते हैं तो ऐसे लोगों से न सिर्फ कार्रवाई की जाएगी बल्कि उनसे ग्राम पंचायत जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में प्रधान खुले में शौच रोकने के लिए कोई प्रयत्न नहीं कर रहें हैं, उनकी प्रधानी भी छीनी जा सकती है। चूंकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे प्रधानों को फेल मानते हुए बस्ता भी जमा कराया जा सकता है। डीएम संजीव सिंह ने जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि गांव स्तर पर बने इज्जत घरों इतर प्रयोग न हो इसके लिए पंचायत सचिव व एडीओ पंचायत को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। जबकि ब्लाक स्तर पर इस अनदेखी के लिए बीडीओ को भी दंडित किया जाएगा। इज्जत घर का प्रयोग है अनिवार्य: डीपीआरओ
जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनंद सरोज ने कहा कि हमने हर उस परिवार में शौचालय बनाया है जो ग्रामीण क्षेत्र में निवास करता है। शौचालय बनने के बाद भी यदि परिवार के सदस्य शौच के लिए बाहर जाते हैं तो यह गलत है। चूंकि इज्जत घर के निर्माण की शर्त में ही शामिल है कि परिवार इसका अनिवार्य रूप से उपयोग करेगा।
49 हजार को जल्द मिलेंगे इज्जत घर
नया सर्वे 2019 में कराया गया है, जिसमें जिले के अंदर 49 हजार ऐसे परिवार निकले हैं, जिनके पास अब भी इज्जत घर नहीं है। चूंकि यह परिवार नये नये बसे हैं, इस लिए पुराने सर्वे में शामिल नहीं थे। अब पंचायत राज विभाग ने इन्हें भी आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही इनको भी इज्जत घर बनाने के लिए धनराशि देकर इनके इज्जत घर बनवाए जाएंगे।