सपना होगा सच, आएंगे योगी
हसनापुर सानी, (फतेहपुर) : नेशनल हाईवे से पांच किलोमीटर पश्चिम दिशा में बसे ढाई हजार
हसनापुर सानी, (फतेहपुर) : नेशनल हाईवे से पांच किलोमीटर पश्चिम दिशा में बसे ढाई हजार की आबादी वाले गांव हसनापुर सानी की जनता के लिए सीएम का आना किसी सपने से कम नहीं लग रहा है। चुनाव के समय को छोड़ दिया जाए तो पिछड़े गांव में कभी सांसद, विधायक व बड़े अधिकारी तक नहीं गए। चार दिन से जिस तरह से प्रशासनिक गतिविधियों की चहलकदमी हो रही है वह ग्रामीणों के लिए किसी कौतूहल से कम नहीं है। सांसद, विधायक से लेकर आला अफसर गांव की गलियों की खाक छान रहे है, ऐसे में ग्रामीणों की उम्मीदें उछाल मारने लगी है।
देश के पीएम नरेंद्र मोदी की पंद्रह सितंबर को आयोजित 'स्वच्छता ही सेवा' की वीडियो कांफ्रे¨सग के लिए सीएम योगी आदित्य नाथ के हसनापुर सानी आने की चर्चा तो चार दिन पहले से शुरू हो गई थी। गांव के चयन के पीछे यह माना जा रहा है कि हाईवे से नजदीक होने के साथ कम आबादी का गांव है। सवर्ण बाहुल्य मिश्रित आबादी में शौचालय, आवास, बिजली कनेक्शन, साफ-सफाई सहित अन्य मानकों को पूरा करने में प्रशासन को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। कनेक्टिविटी के लिहाज से भी गांव बेहतर माना गया। इसी के साथ कोराई व चितौरा ग्राम पंचायत के नाम आए थे लेकिन विकास के अधूरे कार्य इन गांवों में आड़े आ गए। सांसद-विधायक के लिए तरसने वाले गांव में सूबे के मुखिया का कार्यक्रम बिना किसी प्रयास के मिल जाने से गांव वाले इसे सौभाग्य ही मान रहे है। ग्राम प्रधान सुषमा ¨सह का कहती है कि सीएम हमारे गांव आएंगे हम लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था। हम सब उम्मीद करते हैं कि गांव को कोई बड़ी सौगात मिले।
ग्रामीणों की हसरतें
खुले डिग्री कालेज
- सिलाई की दुकान चलाकर जीविकोपार्जन करने वाले जलालउद्दीन कहते है कि सीएम का गांव आना बड़े सौभाग्य की बात है, हम चाहते हैं कि गांव में सरकारी डिग्री कालेज खुल जाए जिससे बालिकाएं भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके।
आदमपुर गंगा घाट में बने पुल
- गांव के सुरेंद्र सोनकर कहते हैं कि सीएम से हम बड़ी सौगात चाहते है, आदमपुर गंगा घाट में पुल निर्माण हो जाए तो रायबरेली से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। पुल बन जाने पर पूरे क्षेत्र का विकास होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पानी की टंकी बने
- गांव के पप्पू ¨सह कहते है कि हैंडपंप से पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। मौका मिला तो सीएम से हम मांग करेंगे कि गांव में पानी की टंकी का निर्माण कर पाइप लाइन से आपूर्ति की जाए। पेयजल के साथ बिजली चार से पांच घंटे रहना बड़ी समस्या है।
इंटर कालेज व बारातघर बने
- महेश त्यागी का दर्द यह है कि उपेक्षा के चलते गांव को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पाई है। प्राइमरी के बाद शिक्षा का साधन न होने से बालिकाएं शिक्षा नहीं ग्रहण पाती है। गांव में एक सरकारी इंटर कालेज व बारातशाला का निर्माण होना चाहिए।