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'अंगूठा छाप' सुविधा को ठेंगा दिखा रहे डॉक्टर

जागरण संवाददाता फतेहपुर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की नियमित उ

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:20 AM (IST)
'अंगूठा छाप' सुविधा को ठेंगा दिखा रहे डॉक्टर
'अंगूठा छाप' सुविधा को ठेंगा दिखा रहे डॉक्टर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति तय करने के लिए प्रशासन ने बायोमैट्रिक हाजिरी की सुविधा तय की थी, लेकिन वर्तमान में यह सेवा पूरी तरह से धड़ाम हैं। कमोवेश हर सीएचसी-पीएचसी में बायोमैट्रिक मशीनें लगी हैं, लेकिन काम कोई भी नहीं कर रहीं। चूंकि प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने इनके खराब हो जाने की रिपोर्ट सीएमओ को भेजी है। इसके साथ ही बायोमैट्रिक हाजिरी के आधार पर वेतन बनाने की प्रक्रिया भी ठप हो गई और पुराने ढर्रे पर रजिस्टर के आधार पर ही हाजिरी मानकर वेतन बनाया जा रहा है।

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बताते हैं कि बायोमैट्रिक लगवाने के लिए सरकार से कोई अतिरिक्त बजट नहीं मिला था, लेकिन पूर्व डीएम ने अन्य खर्चों में कटौती करके बायोमैट्रिक मशीनें लगवाई थी। तय किया गया था कि मशीनों में दर्ज हाजिरी के आधार पर ही वेतन जेनरेट किया जाएगा जिस दिन बायोमैट्रिक में हाजिरी नहीं है और संबंधित डॉक्टर या पैरा मेडिकल स्टाफ ने अवकाश स्वीकृत नहीं कराया तो उस दिन का वेतन रोक लिया जाएगा। इस व्यवस्था का असर यह था कि डॉक्टरों को न चाहते हुए भी प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने के लिए अपने तैनाती अस्पताल आना पड़ता था। डीएम के तबादले के बाद एक एक कर सभी अस्पतालों की बायोमैट्रिक मशीनें खराब हो गयी। यह हम नहीं कह रहे बल्कि सीएमओ को भेजी गयी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों की रिपोर्ट बता रही है। खास बात यह है कि इन मशीनों को बनवाने के लिए कोई तकनीकी स्टाफ नहीं है और नई मशीन खरीदने के लिए बजट नहीं है। नतीजा कि वही पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल हो गयी। इन अस्पतालों की मशीनें खराब

-सीएचसी हरदों, हथगाम, धाता, थरियांव, हुसेनगंज, गाजीपुर, बिदकी, अमौली, जहानाबाद, सरांय खालिस व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिटौरा, हसवा, असोथर, बहुआ, खजुहा, खखरेडू, गोपालगंज की मशीनें बारी-बारी से खराब हो गयी हैं। रिपोर्ट की मानें तो इन सभी अस्पतालों की मशीनें पिछले ढाई माह में खराब हो गयी हैं, जो अब काम नहीं कर रही हैं। हमारे पास अधिकांश अस्पतालों से रिपोर्ट आई कि उनके यहां बायोमैट्रिक खराब हो गयी है, हम इसकी पड़ताल कराएंगे। जो मशीनें खराब हैं, उन्हें सही कराया जाएगा और डॉक्टरों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को पूर्व की भांति सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।

डॉ. उमाकांत पांडेय सीएमओ


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