डीएम ने संभाला मोर्चा, 110 ओवरलोडेड ट्रक पकड़े
जागरण टीम फतेहपुर प्रशासनिक अमला समय चुनाव में व्यस्त है लिहाजा मौरंग माफिया व्यवसाय को
जागरण टीम फतेहपुर : प्रशासनिक अमला समय चुनाव में व्यस्त है, लिहाजा मौरंग माफिया व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर मनमानी करने में लगे हैं। नतीजा मनमाना खनन तो हो ही रहा है साथ में बड़े पैमाने पर ओवरलोडिग हो रही है। इसी के खिलाफ बुधवार भोर पहर डीएम संजीव सिंह ने खुद सड़क पर उतर इसे रोकने के लिए मोर्चा संभाला। बिदकी से ललौली होकर चिल्ला घाट तक मौरंग ओवरलोडिग की हकीकत देखी। इस बीच उन्होंने 110 ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्रवाई कर दी। पकड़े गए ट्रकों में सात को सीज कर दिया गया, जबकि 103 का चालान किया गया।
डीएम ने ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्रवाई के लिए अलग-अलग टीमें बनाई और धरपकड़ की जानकारी पुलिस को तब तक नहीं दी जब तक कि ट्रक पकड़ नहीं लिए। बावजूद इसके डीएम की धरपकड़ की सूचना एक ड्राइवर से दूसरे ड्राइवर तक पहुंची तो अधिकांश वाहन लिक मार्गों में घुस गए। छापे के दौरान बिदकी नगर में एसडीएम आशीष कुमार यादव रहे, जबकि ललौली से चिल्ला तक डीएम के साथ धरपकड़ में डिप्टी कलेक्टर प्रमोद झा, तहसीलदार विदुषी सिंह रहीं। सड़क पर उतरे डीएम ने जब ट्रकों को रोकवाना शुरू किया तो चारो तरफ अफरा-तफरी मच गयी। जब डीएम ने ट्रकों के पीछे खड़े होकर पटरे गिने तो इनमें मौरंग फुल बाडी लदी हुई मिली। उन्होनें एआरटीओ एसके सिंह व अभिषेक कनौजिया को लेकर सभी ओवरलोडेड ट्रकों का चालान कटवाया जबकि सात को मौके पर सीज कर दिया। सवाल यह है कि जब डीएम सड़क पर चार घंटे के लिए खड़े हुए तो सिर्फ एक मार्ग पर इतने ओवरलोडेड वाहन पकड़ में आ गए, जबकि जिले में खागा, असोथर, बहुआ व बिदकी रोड से 24 घंटे ओवरलोडेड वाहनों का रेला निकलता है। पुलिस व एआरटीओ की भूमिका पर सवाल
जिले में बड़े पैमाने पर ओवरलोडिग की पोल खुलने से पुलिस और एआरटीओ विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे है। मतलब यह है कि जब बड़े अफसर सड़क पर आते हैं तभी कार्रवाई होती है। अन्यथा की स्थिति में सब कुछ सेटिग के बूते होता रहता है। चूंकि ओवरलोडिग न तो पुलिस को दिखाई देती है और न ही एआरओ ही देख पाते हैं। ओवरलोडिग नहीं चलने देंगे-डीएम
डीएम संजीव सिंह ने कहा कि ओवरलोडिग किसी भी दशा में बर्दास्त नहीं है, इसके लिए वह स्वयं मानीटरिग करेंगे। ओवरलोडिग के लिए जो भी अफसर व कर्मचारी जिम्मेदार है उनकी भूमिका भी जांची जाएगी। अगर कोई भी अधिकारी व कर्मचारी इसमें लिप्त मिलता है तो उसके खिलाफ शासन तक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।