मवेशियों की बीमारी से संकट में पशुपालक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मवेशियों की बीमारी से पशुपालक संकट में हैं। दुधारू पशुओं न
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मवेशियों की बीमारी से पशुपालक संकट में हैं। दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है। साथ ही खुरपका, मुंहपका, सर्रा व बुखार जैसी बीमारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों सहित पचास से अधिक गांवों को चपेट में ले लिया है। बीमारी की रोकथाम के लिए न तो विभाग ने टीकाकरण शुरू किया है और न ही पशु अस्पतालों में चिकित्सक मिल रहे हैं। इससे पशुपालक प्राइवेट चिकित्सकों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
गंगा व पांडु नदी के किनारे के ¨बदकी फारम, जाड़े का पुरवा, कालीकुंडी, कलकत्ता फारम, महुआ सहित क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में पशुओं को बीमारी ने जकरू़ लिया है। इसी तरह खागा तहसील के विजईपुर ब्लाक व भिटौरा ब्लाक के महोई, चित्तीसापुर सहित आधा सैकड़ा गांवों में भी संकट बरकरार है। पशु पालक रामसनेही, शिवपूजन, देवीप्रसाद ने बताया कि पशु अस्पतालों में डाक्टर मिलते नहीं है। भिटौरा अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से इलाज के लिए पशु पालक अस्पताल जा रहे हैं लेकिन डाक्टर उपलब्ध नहीं हैं। खुरपका, मुंहपका व सर्रा रोग का प्राइवेट इलाज कराने में डेढ़ से दो हजार रुपया लग रहा है। इसके बाद भी बीमारी ठीक होगी या नहीं इसकी कोई आशा नहीं है। 8.69 लाख लगेंगे टीके
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी इंद्रराज ¨सह ने कहा कि पूरे जिले में 8.69 लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक लक्ष्य पूरा करने के लिए डाक्टर सहित चार लोगों की पंद्रह टीमें लगाई गई है। यह टीका पूरी तरह से निश्शुल्क है। नवजात व गर्भ धारण किए पशुओं के टीका नहीं लगाया जाना है। अगर किसी गांव मे पशुओं को इलाज नहीं मिल पा रहा है तो पशु पालक मेरे मोबाइल नंबर 9415743960 शिकायत दर्ज करा सकते हैं, तुरंत कार्रवाई होगी।