कांग्रेस को इस लोकसभा सीट पर 'संजीवनी' की आस, लाइन में सात दावेदार; ब्राह्मण चेहरों पर भी हो रहा मंथन
UP Politics लोकसभा चुनाव में हर दल में सियासी धमाचौकड़ी मची है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के लिए संघर्ष कर रही है। जिलाध्यक्ष के भाजपा में जाने के बाद से संगठन तार-तार हो गया। पार्टी की बागडोर ऐसे जुझारू के हाथ आए जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी दे सके। कार्यकर्ता से लेकर पुराने कांग्रेसियों की चाहत यह है कि नेतृत्व ऐसा हो जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी देने में सक्षम हो।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। लोकसभा चुनाव में हर दल में सियासी धमाचौकड़ी मची है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के लिए संघर्ष कर रही है। जिलाध्यक्ष के भाजपा में जाने के बाद से संगठन तार-तार हो गया। पार्टी की बागडोर ऐसे जुझारू के हाथ आए जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी दे सके।