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कांग्रेस को इस लोकसभा सीट पर 'संजीवनी' की आस, लाइन में सात दावेदार; ब्राह्मण चेहरों पर भी हो रहा मंथन

UP Politics लोकसभा चुनाव में हर दल में सियासी धमाचौकड़ी मची है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के लिए संघर्ष कर रही है। जिलाध्यक्ष के भाजपा में जाने के बाद से संगठन तार-तार हो गया। पार्टी की बागडोर ऐसे जुझारू के हाथ आए जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी दे सके। कार्यकर्ता से लेकर पुराने कांग्रेसियों की चाहत यह है कि नेतृत्व ऐसा हो जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी देने में सक्षम हो।

By Govind Dubey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 24 Mar 2024 08:57 AM (IST)
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कांग्रेस को इस लोकसभा सीट पर 'संजीवनी' की आस, लाइन में सात दावेदार; ब्राह्मण चेहरों पर भी हो रहा मंथन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। लोकसभा चुनाव में हर दल में सियासी धमाचौकड़ी मची है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के लिए संघर्ष कर रही है। जिलाध्यक्ष के भाजपा में जाने के बाद से संगठन तार-तार हो गया। पार्टी की बागडोर ऐसे जुझारू के हाथ आए जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी दे सके।

कार्यकर्ता से लेकर पुराने कांग्रेसियों की चाहत यह है कि नेतृत्व ऐसा हो जो बीमार कांग्रेस को संजीवनी देने में सक्षम हो। दावेदारी में चेहरे तो अनेक हैं लेकिन वह एक कौन होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी है। जिले में 10 दिन से कांग्रेस नेतृत्व विहीन है।

तीन दिन पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अंशु तिवारी पर्यवेक्षक बनकर आए तो उनके सामने सात लोगों ने दावेदारी किया। हाईकमान की मंशा यह है कि कमान किसी ब्राह्मण को ही दी जाए। इस पद के लिए ब्राह्मण दावेदारों की संख्या चार पहुंच गई है।

वरिष्ठ कांग्रेसियों में निर्मल तिवारी व बजरंग मिश्र के नाम पर चर्चा है। इसके अलावा युवा नेता शिवाकांत तिवारी, बृजेश मिश्र, ओमप्रकाश गिहार, अरविंद द्विवेदी प्रमुख दावेदारों में है। दावेदारों के नाम पर्यवेक्षक के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय तक पहुंच गए हैं। यह माना जा रहा कि होली बाद कांग्रेस को अपना अध्यक्ष मिल जाएगा।