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कलेक्ट्रेट का जलभराव खत्म करने को बनेगा 45 लाख से नाला

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कलेक्ट्रेट तालाब के बने तालाब से होने वाले जलभराव की समस्या का

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 11:18 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 11:18 PM (IST)
कलेक्ट्रेट का जलभराव खत्म करने को बनेगा 45 लाख से नाला
कलेक्ट्रेट का जलभराव खत्म करने को बनेगा 45 लाख से नाला

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कलेक्ट्रेट तालाब के बने तालाब से होने वाले जलभराव की समस्या का निदान नाला करेगा। नगर पालिका प्रशासन के द्वारा निर्मित नाले का निर्माण होने से जलभराव की समस्या हाल हो सकेगी। 530 मीटर नाला निर्माण के लिए पालिका प्रशासन 45 लाख रुपये खर्च करेगी।

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पत्थर कटा चौराहे से पटेल नगर चौराहे के बीच कलेक्ट्रेट की बाउंड्री वाल से सटाकर नाला निर्माण कराया जा रहा है। पत्थर कटा छोर पर बना तालाब जलभराव की समस्या का कारक बना हुआ था। आम आबादी से निकला निष्प्रयोज्य पानी तालाब में भरता रहता है। जिससे मच्छर एवं गंदगी आदि से अधिकारी परेशान होते आए हैं। जलभराव की समस्या से पत्थर कटा, मुराइन टोला, पटेल नगर, सिविल लाइन महिला डिग्री कॉलेज आदि इलाकों में राहत मिलेगी। नगर पालिका के अवर अभियंता अमित कुमार जायसवाल ने बताया निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। दो पार्ट में बनने वाले नाले में राज्यवित्त एवं 14 वें वित्त की धनराशि खर्च होगी। तालाब का सुंदरीकरण है प्रस्तावित

कलेक्ट्रेट कैंपस में गंदगी का पर्याय बने तालाब के सुंदरीकरण की योजना है। जिसके लिए प्रशासन ने कार्य योजना तैयार की है। चार माह से प्रस्तावित योजना अभी तक कागजों में ही सीमित है। निरीक्षण आदि करके अधिकारियों ने खाका खींचा है। जिसमें तैयारी है कि तालाब को चारों और पक्का घाट बनाया जाएगा। जिसमें रंगीन मछलियां एवं जलीय पुष्प आदि लोगों को लुभाएंगी। जलभराव से आफीसर्स कॉलोनी डूब जाती

बरसात के दिनों में कलेक्ट्रेट के अंदर जलभराव से आफीसर्स कॉलोनी टापू बन जाता है। मामला हाई प्रोफाइल आफीसर्स से जुड़े होने के चलते नगर पालिका प्रशासन को जलभराव से निजात दिलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। अधिकारियों के कैंपस में भरे पानी के त्वरित निदान के लिए पंपसेट लगाने पड़ते थे। कमोवेश बीस साल से यह समस्या खड़ी थी। जिसमें न्यायिक अधिकारियों के साथ सीएमओ, सीओ सिटी आदि जूझते थे। प्रशासन के हस्तक्षेप से बढ़ी नाला की दूरी

शुरुआती दौर में जब पालिका प्रशासन ने इस नाले का निर्माण शुरू किया तो जिला प्रशासन हरकत में आ गया। लगभग 300 मीटर नाले की शुरुआत कराई तो प्रशासन का मानना रहा है कि इससे राहत नहीं मिल पाएगी। जिस पर नगर पालिका प्रशासन के जिम्मेदारों को तलब करते हुए नाले की दूरी बढ़ाकर पटेल नगर चौराहे में निर्माणाधीन नाले में जोड़े जाने के निर्देश दिए।


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