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पेयजल संकट से जूझ रहा चंदियाना मुहल्ला

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर के चौक बाजार से सटे मुहल्ले चंदियाना में लोगों ने खुद के

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 07:58 PM (IST)
पेयजल संकट से जूझ रहा चंदियाना मुहल्ला
पेयजल संकट से जूझ रहा चंदियाना मुहल्ला

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर के चौक बाजार से सटे मुहल्ले चंदियाना में लोगों ने खुद के आलीशान आशियाने बनाए हैं लेकिन इन आशियानों में पेयजल का संकट 30 वर्षों से बदस्तूर चल रहा है। पीने के पानी के लिए खुद की बो¨रग का सहारा लिया जा रहा है। नगर पालिका से आपूर्ति को लिए गए कनेक्शन की टोटियां सालों साल से सूखी पड़ी हुई हैं। समस्या से करीब तीन हजार परिवार जूझ रहे हैँ।

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इस मुहल्ले की आपूर्ति के लिए कोतवाली कैंपस में पालिका का नलकूप लगा हुआ है। गिरते जलस्तर के चलते यह बोर अर्से पूर्व खराब हो चुका है। नलकूप क्षमता के अनुसार पानी नहीं दे पा रहा है। जिसके चलते चंदियाना, रस्तोगीगंज आदि मुहल्ले पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। पेयजल की बात रखते ही लोगों का माथा गर्म हो जाता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। समस्या से निजात के लिए लोगों ने खुद की जमीन में इंडिया मार्का जैसी बो¨रग करवाई है जिसमें मोटर आदि लगवाकर काम चलाया जा रहा है। यह भी विकल्प कुछ लोगों में सीमित है। नए बोर्ड ने ऐसी संकरी गलियों के लिए मोटर युक्त टैंकर की व्यवस्था का विकल्प अपनाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तमाम गलियों की पेयजल लाइनें चोक हो गईं हैं, पालिका प्रशासन नई लाइन बिछाना नहीं चाहता है।

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व्यापार न होता तो छोड़ देते मुहल्ला

चौक बाजार में प्रतिष्ठान खोलकर चंद कदमों में पैतृक आवासों में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस मुहल्ले में रहने का मन नहीं करता है। मजबूरी में इस मुहल्ले में रहना पड़ रहा है। पानी जैसी जरूरत के लिए जूझना पड़ता है। प्रशासन के दरवाजे पर कई बार गुहार लगाई गई लेकिन मामला जस का तस पड़ा हुआ है। चौक में व्यापार न होता तो इस मुहल्ले को छोड़कर दर्जनों परिवार नई जगह में आशियाने बना चुके होते है। पेट पालने के चलते पेयजल जैसे संकट से जूझकर इन आवासों में रह रहे हैं।

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प्रशासनिक शिथिलता से परिषद खफा

मुहल्ले में चंदियाना विकास परिषद काम करती है। जिसके बैनर तले स्थानीय समस्याओं को उठाया जाता है। संस्थान के पदाधिकारी बताते हैं कि कई बार संगठन के बैनर तले आवाज उठाई गई है लेकिन प्रशासनिक अफसरों ने इस आवाज को दबा दिया गया। आश्वासन के बाद सफलता को कभी मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। परेशानी की बात यह है कि भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट कई बार प्रशासन ने तैयार करवाई लेकिन निस्तारण के कदम नहीं चले। प्रशासन की इस नीति के चलते लोगों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

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बोले इलाकाई लोग

- पूर्व सभासद एवं स्थानीय लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया लेकिन प्रशासन ने वादा करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। राजाराम

- 30 साल में विकास और तमाम समस्याएं खत्म की गई लेकिन चंदियाना वार्ड की पेयजल समस्या जस की तस बनी हुई है। नारायण दास गुप्ता

- प्रशासन पीने का पानी मुहैया नहीं करा पा रहा है इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है, केवल कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। विजय कुमार

- बो¨रग कराने की जगह होती तो लोग खुद सबमर्सिबल पंप लगवाकर समस्या को खत्म कर देते, जगह न होने के चलते राह देखी जा रही है। गो¨वद प्रसाद

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क्या बोले जिम्मेदार

- चंदियाना मुहल्ले की समस्या संज्ञान में है। जिसके निवारण के लिए कई बार पहल की गई है, थोड़ी बहुत समस्या हल भी कराई गई है। नए बोर्ड में समस्या रखकर निजात के रास्ते खोजे जाएंगे। नलकूप लगाने की जगह इस इलाके में नहीं मिल पा रही है जिसके चलते तमाम घर पेयजल संकट से घिरे हुए हैं। - रश्मि भारती, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद।


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