बीटेक छात्र ने बनाई सेंसरयुक्त सैनिटाइज मशीन
संवाद सहयोगी बिदकी प्रधानमंत्री के सशक्त उद्यम आत्मनिर्भर भारत से प्रेरणा लेकर लॉकडाउन के
संवाद सहयोगी, बिदकी : प्रधानमंत्री के सशक्त उद्यम आत्मनिर्भर भारत से प्रेरणा लेकर लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्राम होम में जुटे ट्रिपल आइटी सूरत के छात्र ने सस्ती सैनिटाइज मशीन बनाई है। इस मशीन में सेंसर और चिप लगी है। मशीन के सेंसर के सामने हाथ आते ही 0.3 सेकेंड में 3 से 4 बूंद सैनिटाइजर हाथ में गिरता है। इस मशीन को मॉल, बस व टैक्सी में भी लगाया जा सकता है। यह मशीन सस्ते उत्पाद की दिशा में बढ़ाया गया कदम है।
बिदकी नगर के गांधी चौराहे के पास गुड़िया नीमी रोड पर रहने वाले राजकुमार सोनी के सबसे छोटे पुत्र प्रखर सोनी सूरत की त्रिपल आइटी से बीटेक कर रहे हैं। होली पर पांच दिन की छुट्टी पर घर आए। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लग गया। इससे कॉलेज बंद हो गया। अब घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान सैनिटाइजर बर्बादी को रोकने और संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए ऑटोमैटिक सेनिटाइजर सस्ती मशीन बनाने का विचार प्रखर के दिमाग में आया। इसी के बाद उन्होंने 10 दिन में मिस्टर सैनिटाइजर मशीन बनाकर तैयार कर दी। अन्य मशीनों से प्रखर की मशीन में खास बात यह है कि उसमें सेंसर लगे हैं, जिनके सामने हाथ जाने पर मशीन स्वत: सक्रिय हो जाती है और उससे 2 से 5 बूंद सैनिटाइजर हथेली गिर जाता है। इसके बाद 5 सेकेंड के लिए रुक जाता है। इस दौरान हाथ हटाकर दूसरा हाथ लगाने पर फिर सेंसर सक्रिय होता है। उतने ही समय में उतने ही बूंद सैनिटाइजर दूसरी हथेली में गिरता है।
घर पर वेस्ट मैटेरियल से तैयार की पहली मशीन
प्रखर सोनी ने बताया इस मशीन को बनाने में 5 सौ एमएल की प्लास्टिक बोतल, अल्ट्रासॉनिक सेंसर, आइडिनो चिप, वाटर पंप को एक दफ्ती के डिब्बे में रखकर फिट किया है। इसके बाद चिप पर मोबाइल से प्रोग्रामिग सेट की है। इस मशीन को चलाने में पांच वोल्ट बिजली खर्च होती है। इसके अलावा इसे मोबाइल से भी कनेक्ट कर चलाया जा सकता है।