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असोथर की 36 घंटे तो शहर की आठ घंटे गुल रही बिजली

जागरण टीम फतेहपुर जर्जर संसाधनों में टिकी जिले की बिजली व्यवस्था पहली बारिश में ही दगा

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 07:15 PM (IST)
असोथर की 36 घंटे तो शहर की आठ घंटे गुल रही बिजली
असोथर की 36 घंटे तो शहर की आठ घंटे गुल रही बिजली

जागरण टीम, फतेहपुर : जर्जर संसाधनों में टिकी जिले की बिजली व्यवस्था पहली बारिश में ही दगा दे गई। असोथर क्षेत्र में 36 घंटे से बिजली गुल रही और शाम सात बजे के बाद बहाल हो पाई। वहीं, शहर मुख्यालय में इंसुलेटर जलने से आठ घंटे बिजली गुल रही। खागा व बिदकी क्षेत्र में भी बारिश से बिजली बेपटरी हो गई। व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विभाग के कर्मचारी लगे रहे।

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असोथर क्षेत्र में 36 घंटे बीतने के बाद आखिर बिजली बहाल हो पाई। इससे 18000 उपभोक्ताओं के घरों में अंधेरा छाया है। एक सैकड़ा से अधिक गांव व मजरों में पीने के पानी का संकट है। जेई हरिकेश यादव लाइनमैनों को साथ लेकर फाल्ट को खोजने में लगे हैं। यहां बिजली आपूर्ति शुक्रवार को सुबह छह बजे बाधित हो गई थी, जिसकी सूचना इलाके के कई लोगों ने जेई, एसडीओ को दी थी, लेकिन नजरंदाज किया गया और इलाके के लोग बिजली संकट से जूझते रहे। हैंडपंपों में पानी के लिए मारामारी करते रहे। शाम करीब सात बजे मेन लाइन पर बबूल की डाल गिरी मिली। विभाग के कर्मचारी तब जाकर बिजली बहाल कर पाए।

शहर के राधानगर विद्युत प्रेषण की 33 हजार लाइन की इंसुलेटर शहर के खंभापुर के समीप पंचर हो गया। इससे आधे शहर की विद्युत आपूर्ति 8 घंटे गुल रही। डीएम अपूर्वा दुबे ने एसई विद्युत विनोद कुमार गंगवार, एक्सईएन वितरण खंड प्रथम रामसनेही से बात की। तब जाकर आपूर्ति की बहाली में लगी अभियंताओं की टीमें सक्रिय हो पाईं। एसडीओ मलवां फूलचंद्र राधानगर विद्युत पेषण केंद्र की लाइन में फाल्ट को दुरुस्त करने के लिए जेई आबूनगर अभिनव मौर्य, मुराईनटोला रामबाबू निषाद व लाइनमैनों को साथ लेकर गए। पहले फाल्ट की खोजबीन की। फाल्ट का स्थल आधे घंटे में टीम को मिल गया तो उसे दुरुस्त करने में टीम घंटों लगी रही लेकिन आपूर्ति बहाल नहीं कर पा रहे थे। मामले पर एसडीओ मलवां का कहना कि 33 हजार की लाइन में इंसुलेटर पंचर हो गया था जिससे आपूर्ति बाधित रही है।

खागा क्षेत्र में बरसात की वजह से शनिवार को नगर समेत क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े फीडरों में फाल्ट की वजह से आपूर्ति ठप रही। खागा-किशुनपुर मार्ग में आरओबी के पास भूमिगत केबल में फाल्ट की वजह से आपूर्ति बाधित रही। दो घंटे तक तहसील फीडर के उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का इंतजार करना पड़ा। खागा से रसूलपुर सानी, खागा से कनपुरवा, खागा से किशुनपुर तथा खागा से सुल्तानपुर घोष विद्युत उपकेंद्रों की 33 हजार वोल्ट लाइन में फाल्ट की वजह से घंटों बिजली गुल रही। बरसात बंद होने के बाद सभी विद्युत उपकेंद्रों में आपूर्ति बहाल हो सकी। हथगाम पावर हाउस में मलूकपुर फीडर की आउटगोइंग मशीन खराब होने से सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक विद्युत आपूर्ति ठप रही। फीडर से जुड़े 16 गांवों में सात घंटे तक उपभोक्ताओं को बिजली के लिए इंतजार करना पड़ा। जेई विवेक मौर्य ने स्टोर से सामान मंगवाकर आपूर्ति बहाली का इंतजाम किया, तब कहीं जाकर उपभोक्ताओं को आपूर्ति मिल सकी। लगाते ही फुंक जाते मरम्मत के ट्रांसफार्मर

तीन माह में वर्कशाप द्वारा मरम्मत किए गए 181 छोटे-बड़े ट्रांसफार्मर फुंके हैं। जिसमें शहर क्षेत्र में 51 फुंके हैं। ट्रांसफार्मर लगाने के एक-दो दिन में ही फुंक जाते हैं। मानक पर ट्रांसफार्मर दुरुस्त न कराने पर मुख्य अभियंता प्रयागराज विनोद कुमार गंगवार ने वर्कशाप प्रभारी संदीप यादव को नोटिस देते हुए 3 दिन के अंदर मामले पर जवाब मांगा है। ट्रांसफार्मरों में कम ईंधन डालकर वर्कशाप के अभियंता खेल करते हैं। किसान नेता राजेद्र सिंह, प्रदीप सिंह, रमेश पटेल समेत कई ने ट्रांसफार्मरों के मरम्मतीकरण में कम ईधन डालने के खेल की शिकायत की है ।


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