80 हजार परिवारों को नहीं मिला 'आयुष्मान' गोल्डन कार्ड
जागरण संवाददाता फतेहपुर देश की सबसे पड़ी स्वास्थ्य योजना का जिले में बुरा हाल है। योजना
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : देश की सबसे पड़ी स्वास्थ्य योजना का जिले में बुरा हाल है। योजना आरंभ हुए करीब छह माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक जिले में 1.67 लाख लाभार्थी ऐसे हैं, जिनका योजना में चयन हो तो गया है, लेकिन अब तक उन्हें न तो गोल्डेन कार्ड मिला और न ही उपचार। यह लोग आज भी बीमार होने पर निजी नर्सिंग होम का ही सहारा लेते हैं।
जिले के 208633 गरीबों का चयन आयुष्मान योजना में किया गया है, जिसके सापेक्ष 1.32 लाख लोगों के ही गोल्डेन कार्ड अब तक जारी हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने योजना के तहत लाभार्थी चयन के लिए 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना सूची को आधार बनाया है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के 175621 और शहरी क्षेत्र के 23770 गरीबों को योजना शामिल किया गया। बावजूद इसके अनेक पात्र लाभार्थी योजना में शामिल होने से वंचित रह गए। इसपर डीएम के निर्देश पर विकास व स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर सर्वे कर पात्रता के आधार पर चयन सूची में 9242 और गरीबों को इसमें स्थान दिया। मजे की बात यह है कि चयन होने के बाद भी अब तक जिले के 78633 लोगों को गोल्डेन कार्ड नहीं सौंपा गया है। ऐसा इस लिए कि डंप कार्डों में यह स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि यह कार्ड धारक का पता क्या है। पता जानने के लिए बार कोड को स्कैन करना पड़ता है। आयुष्मान योजना एक नजर में
ग्रामीण लाभार्थी- 175621
शहरी लाभार्थी - 23770
छूटे पात्र शामिल- 9242
गोल्डेन कार्ड वितरित-1.30 लाख
विभाग में डंप कार्ड- 78633
उपचार का लाभ लिया-1106
उपचार पर खर्च आया- 82 लाख
यह अस्पताल हुए है चयनित
-जिला अस्पताल पुरूष
-जिला अस्पताल महिला
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिदकी
-करूणा जीवन ज्योति अस्पताल
-राम रतन मेमोरियल हास्पिटल
-आभा नर्सिंग होम
-अनुभव डेंटल हास्पिटल
-ब्राडबेल मसीह अस्पताल मिशन
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जिले को शासन की तरफ से गोल्डेन कार्ड मिल चुके है, हमने सीएचसी और पीएचसी में शिविर लगाकर 1.30 लाख गोल्डेन कार्ड बांट दिए है। लेकिन 7866 कार्ड ऐसे हैं जिनमें पता स्पष्ट नहीं है। इस लिए पहले उनका बारकोर्ड स्कैन कर पता निकालना होता है। इस लिए इनकी स्कैनिग कराई जा रही है। चुनाव बाद इनका वितरण पते के आधार पर किया जाएगा।
डॉ. सुरेश कुमार, नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत योजना