48 जीवित पेंशनरों को दिखा दिया मृत
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : वृद्धावस्था पेंशन के सत्यापन में सचिवों की मनमानी रिपोर्ट का खामिया
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : वृद्धावस्था पेंशन के सत्यापन में सचिवों की मनमानी रिपोर्ट का खामियाजा 48 उम्र-दराज लोगों को भुगतना पड़ा। जीवित होने के सत्यापन में सचिवों में जीवित पेंशनरों को मृत दिखा दिया जिससे उनके बुढ़ापे में मिलने वाली सहारा भी छिन गया। समाज कल्याण विभाग ने सभी की पेंशन रोक दी। यह बेचारे अपने को जीवित बताने के लिए विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों के यहां चक्कर काटते रहे। जांच में 48 सत्यापन गलत मिलने पर डीएम ने एक पंचायत सचिव को निलंबित करते हुए 34 के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिए है।
वृद्धावस्था पेंशन का हर साल सत्यापन कराया जाता है। तीन माह पहले समाज कल्याण विभाग ने पंचायत सचिवों से सत्यापन रिपोर्ट मांगी जिसमें सचिवों ने बड़ी संख्या में जीवित पेंशनरों को मृत दिखा दिया। परेशान लोगों की शिकायत पर पिछले दिनों दिशा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया। नेताओं ने कहा कि सचिव के गैर जिम्मेदाराना कार्य से दर्जनों वृद्धों की पेंशन बंद कर दी गई है। डीएम ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया था। विभागीय अधिकारियों से सत्यापन कराया तो एक-दो नहीं जिले भर में 48 मामले ऐसे पाए गए जिसमें जीवित पेंशनर को मृत दिखाया गया। असोथर ब्लाक के सरकंडी गांव में सर्वाधिक सात फर्जी सत्यापन मिले, इसके अलावा भिटौरा ब्लाक के मवई, रारा, चांदपुर, मथैयापुर, पड़री खजुहा ब्लाक के समसपुर, हथगाम ब्लाक के मिर्जापुर के लाभार्थी है।
38 हजार हैं पेंशनर
- वृद्धावस्था के जिले में 38 हजार 682 पेंशनर हैं। पेंशनरों को साल में दो किश्त में पेंशन की राशि उनके खाते में भेजी जाती है। साल में एक बार सत्यापन कराया जाता है, जिसके आधार पर मृत लोगों की पेंशन रोक कर उनकी जगह दूसरे पात्रों का चयन किया जाता है।
पेंशन हो गई चालू
- समाज कल्याण अधिकारी रामपाल यादव ने बताया कि सचिवों की रिपोर्ट के अनुसार सभी की पेंशन बंद कर दी गई थी। एक छमाही की किश्त नहीं मिली है। जीवित होने की रिपोर्ट के बाद सभी की पेंशन चालू कर दी गई है। सभी के खाते में पेंशन पहुंच जाएगी।