छह गांवों में 260 लोग बीमार, स्वास्थ्य विभाग बेखबर
जागरण टीम फतेहपुर मच्छर जनित और संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए भले ही स्वास्थ्य विभ
जागरण टीम फतेहपुर: मच्छर जनित और संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए भले ही स्वास्थ्य विभाग ने पूरे एक माह गांव-गांव अभियान चलाकर बीमारी रोकने के प्रबंध किए हो, लेकिन यमुना कटरी क्षेत्र के लोग संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे हैं। बीते एक सप्ताह से बुखार, दस्त व अन्य संक्रामक रोगों की चपेट में आए चार गांव के लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। रविवार को इनकी चपेट में आए लोगों की संख्या 260 पहुंच गई है। अंधेर यह है कि हर दिन खराब होते हालात के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से बेखबर है।
पिछले तीन दिनों से लखनहा, ऐझी, डरहरी, बहादुर, डगरिया व सेवरामऊ लोग बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन एक भी टीम इन गांवों में नहीं पहुंची है।
बीमारी से जूझ रहे गांवों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांव गंदगी व जल भराव से जूझ रहे हैं। गांवों की नालियां जहां बजबजा रही है वहीं गांव की हर गली में बारिश से भींगा कूड़ा सड़ रहा है। इसकी दुर्गंध जहां घरों तक पहुंच रही तो वहीं नालियों व कूड़े के कारण बड़ी संख्या में मच्छर पनप रहे हैं। नतीजा कि हर घर में बीमारी से ग्रस्त मरीज हैं। टीमें न पहुंचने से लोग गांव के ही झोलाछाप लोगों से दवा लेकर उपचार कर रहे हैं। पैरासीटामाल जैसी दवा खाने मात्र से बुखार में राहत नहीं मिल रही, नतीजा कि हर दिन मरीज कमजोरी का शिकार हो रहे हैं। उपरोक्त इन गांवों में तीन गांव ऐसे हैं जहां तीन दिन पहले स्वास्थ्य टीमें गयी थी, लेकिन गांव के स्कूल में कैंप की फर्ज अदायगी कर लौट आई। गांवों में सभी बीमारों को दवा तक नहीं बटी, बीमार लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ या नहीं इसका कोई फालोअप भी नहीं कराया गया।
तेज बुखार के गंभीर रोगी
लखनहा गांव में नितिन सिंह, काजल, कमलेंद्र, राजकुमारी, ममता, संगीता, अनन्या, शिवकली, आकांक्षा, दयावती, आशीष, ऐझी गांव में सुधा देवी, संगीता, लक्ष्मी, गरिमा, मीना, गुड़िया, कलुई, राम सिंह, डरहरी गांव में मनोज, राजा, सोनम, कीर्ति, राजरानी, सुभद्रा, बहादुरपुर में दीपू, राज, शिवा, रमेश, श्रवण, मोहनी, मोनिका, सोनिका, निशा, सेवरामऊ ग्राम सभा में निशा, सुभम, अंकित, नैना, सुमित तेज बुखार से पीड़ित है। जबकि उपरोक्त छह गांवों में सामान्य बुखार व दस्त को मिलाकर कुल 260 मरीज पीड़ित है। टीम करती है फर्ज अदायगी
बहादुरपुर के रमेश, राम विशाल, पप्पू रैदास का कहना है कि पिलछे दिनों गांव में टीम आई थी, आधे गांव में दवा का छिड़काव हुआ लेकिन दलित बस्ती में एक भी कर्मचारी नहीं आया। जबकि सर्वाधिक बीमारों की संख्या दलित बस्ती में है। टीम यहां भेदभाव दिखाकर काम में फर्ज अदायगी करती है। जिससे बीमारी खत्म होने के बजाय हर दिन बढ़ती जा रही है। अलर्ट पर रखी गयी सीएचसी व पीएचसी-सीएमओ
सीएमओ डॉ. उमाकांत पांडेय कहते है कि यमुना कटरी के उक्त गांवों में हमारी नजर है, टीमें गांवों में भेजी भी जा रही है। दवा खाने वाले रोगियों में सुधार है। वायरल का प्रकोप ही ऐसा होता है कि सात से आठ दिन कवर होने में लगते है। फिर भी अगर मरीजों को ज्यादा दिक्कत हो रही तो वह 108 एंबुलेंस सेवा का लाभ लें और नजदीक की सीएचसी व पीएचसी में भर्ती हो। यमुना कटरी की सीएचसी व पीएचसी अलर्ट पर रखी गयी है।