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एक लाख की आबादी में 172 टीबी रोगी उपचार से वंचित

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: क्षय रोग (टीबी) रोकथाम के लिए भले ही सेहत महकमे ने अनेक प्रबं

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 10:51 PM (IST)
एक लाख की आबादी में 172 टीबी रोगी उपचार से वंचित
एक लाख की आबादी में 172 टीबी रोगी उपचार से वंचित

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: क्षय रोग (टीबी) रोकथाम के लिए भले ही सेहत महकमे ने अनेक प्रबंध किए हैं। बावजूद इसके जिले में इसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। गंभीर बात यह है कि टीबी रोगी खोजी अभियान के तहत शत-प्रतिशत रोगियों की पहचान न हो पाने के कारण एक लाख की आबादी में 172 टीबी रोगी बिना उपचार ही रोग से लड़ाई लड़ रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि सेहत महकमे के आंकड़े बता रहे हैं। राष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक शहर या ग्रामीण क्षेत्र की एक लाख की आबादी में 272 रोगी का औसत है। लेकिन अपने जिले में एक लाख की आबादी में मात्र सौ रोगियों की पहचान हो पा रही है।

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बिना उपचार समाज में रह रहे टीबी रोगी खुद तो बीमार ही है, साथ ही वह अपने आस-पास भी यह बीमारी फैला रहे हैं। कारण कि टीबी के जीवाणु वायु द्वारा भी फैलते हैं, जब फेफड़ों की टीबी का रोगी खांसता या छींकता है तो वह माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नाम के रोगाणु छोटे-छोटे कणों के रूप में वातारण में फेंकता है। बलगम के छोटे छोटे कण सांस के साथ स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। जिससे स्वस्थ व्यक्ति भी क्षय रोग से ग्रसित हो जाता है। शहर के पीरनपुर को टीबी रोग का गढ़ माना जाता है, चूंकि यहां पर टीबी रोगियों की संख्या अन्य जगह की अपेक्षा अधिक है। सीएमओ डा. उमाकांत पांडेय बताते है कि टीबी एक घातक संक्रामक रोग है। यह माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नाम के रोगाणु से फैलता है। यह रोगाणु मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। जिसके कारण फेफड़े की टीबी पलमोनरी -ट्यूबरकुलोसिस होती है। कभी कभी यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। यहां पर टीबी जांच मुफ्त

-टीबी क्लीनिक, जिला चिकित्सालय, मिशन अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तेलियानी, गोलपालगंज, बहुआ, असोथर, हसवा, गाजीपुर, बड़ागांव, सातो धरमपुर, ¨बदकी, खजुहा, देवमई, अमौली, जहानाबाद, भिटौरा, हुसेनगंज, हथगाम, मवई, खागा, विजयीपुर, धाता, खखरेडू, और औंग। क्या बोले जिम्मेदार

हम लोग टीबी की रोकथाम के लिए काम कर रहे है। मुख्य रूप से टीबी की जांच बलगम से होती है। जिसकी सुविधा 25 केन्द्रों में है। राष्ट्रीय मानक है कि एक लाख की आबादी में 272 रोगी है, लेकिन हमारे यहां एक लाख की आबादी में 100 मरीज मिल रहे है। हम सघन खोजी अभियान चलाएंगे जिसमें यह संख्या और भी बढ़ेगी। प्रत्येक चिन्हित को हम निश्शुल्क दवा दे रहे हैं। डा. संतोष ¨सह जिला क्षय रोग अधिकारी यह हैं टीबी रोग के लक्षण

दो सप्ताह या इससे अधिक समय से लगातार खांसी आना।

-खांसी के साथ बलगम का आना।

-शाम के समय अक्सर शरीर का तापमान बढ़ जाना।

-संभावित रोगी के शरीर का वजन लगातार कम होना।

-प्रभावित मरीज के सीने में अक्सर दर्द महसूस होना।

-प्रभावित मरीज का बलगम रक्त रंजित होकर निकलना।


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