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10 करोड़ मिले तो सिचाई परियोजनाओं का हो कायाकल्प

जागरण संवाददाता फतेहपुर लघुडाल की पांचों सिचाई परियोजनाएं दम तोड़ रही है। जिससे इनके कायाकल्प के लिए विभाग से शासन से 10 करोड़ की मांग की है। स्थिति इनकी जलापूर्ति क्षमता घटकर एक चौथाई बची है। जिससे किसान अपनी फसलों की सिचाई तक नहीं कर पा रहे हैं और आंदोलित रहते हैं। जिसमें दपसौरा व बहादुरपुर सबसे अधिक बदतर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 11:24 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 06:07 AM (IST)
10 करोड़ मिले तो सिचाई परियोजनाओं का हो कायाकल्प
10 करोड़ मिले तो सिचाई परियोजनाओं का हो कायाकल्प

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : लघुडाल की पांचों सिचाई परियोजनाएं दम तोड़ रही है। इनके कायाकल्प के लिए विभाग ने शासन से 10 करोड़ की मांग की है। इनकी जलापूर्ति क्षमता घटकर एक चौथाई बची है। इससे किसान अपनी फसलों की सिचाई तक नहीं कर पा रहे हैं और आंदोलित रहते हैं। किसानों की भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए जनपद में सिचाई पांच परियोजनाएं 60वर्ष पहले नदियों के किनारे स्थापित की गई थी। इससे किसानों की फसलें सिचित होती थी और पैदा भी बढ़ी है, लेकिन विगत दो दशक से सिचाई परियोजनाओं से जलापूर्ति घटती जा रही है। हांलाकि इनके दुरुस्तीकरण के 2 लाख रुपए मिलते थे। वैसे कई बार विभागीय उच्चाधिकारियों ने कई सिचाई परियोजनाओं के मौके का निरीक्षण भी किया है, लेकिन दुरुस्तीकरण के लिए बजट नहीं दिला पाए। जिससे परियोजनाओं की जलापूर्ति क्षमता घटती गई।

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मशीनें नहीं करती जलापूर्ति

- समयावधि पूरी हो जाने के कारण लघुडाल की सिचाई परियोजनाएं जरुरत के मुताबिक जलापूर्ति नहीं कर पा रही है। मशीनों की क्षमता इतनी नहीं है कि वे पहले की तरह जलापूर्ति कर सकें। इसलिए 10 करोड़ का एस्टीमेट अलग-अलग परियोजना का बनाकर भेजा गया है। जब यह बजट शासन से अवमुक्त होगा तभी सिचाई परियोजनाएं ठीक जलापूर्ति कर पाएंगी। - किशुनपाल, एक्सईएन नलकूप खंड


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