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गंगा में नहाने के दौरान युवक डूबा, तलाश में जुटे गोताखोर

-दोस्त के साथ विवाह समारोह में शामिल होने जा रहा था हरदोई -पुलिस ने गोताखोर बुलाकर क

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 11:19 PM (IST)
गंगा में नहाने के दौरान युवक डूबा, तलाश में जुटे गोताखोर
गंगा में नहाने के दौरान युवक डूबा, तलाश में जुटे गोताखोर

-दोस्त के साथ विवाह समारोह में शामिल होने जा रहा था हरदोई

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-पुलिस ने गोताखोर बुलाकर कराई तलाश, लेकिन नहीं पता लगा जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पांचालघाट पर पांटून पुल से गंगा में नहाने के लिए कूदा युवक गहरे पानी में डूब गया। पुलिस ने गोताखोर बुलाकर उसकी तलाश कराई, लेकिन पता नहीं चल सका। युवक मैनपुरी का निवासी है और दोस्त के साथ विवाह समारोह में शामिल होने के लिए हरदोई जाने के लिए निकला था।

शहर कोतवाली क्षेत्र में पांचालघाट पर मैनपुरी के करहल के मोहल्ला नई बस्ती अग्रवाल निवासी 20 वर्षीय युवक सोनू गुप्ता दोस्त कुलदीप शंखवार के साथ गंगा नहा रहा था। सोनू ने नहाने को पांटून पुल से गंगा में छलांग लगाई, लेकिन वह गहरे पानी में डूब गया। दोस्त कुलदीप ने मदद की गुहार लगाई तो आसपास के लोग पांटून पुल पर पहुंचे। उन्होंने सोनू को तलाश किया, लेकिन उसका पता नहीं चला। पुलिस को शक है कि गंगा का बहाव तेज होने के कारण सोनू बहकर दूर जा सकता है। नाव से भी उसकी तलाश की गई, लेकिन पुलिस खाली हाथ लौट आई। गोताखोरों को भी बुलाया गया। कुलदीप ने बताया कि सोनू टेंपो चलाता था। कुलदीप के अनुसार उनकी पत्नी के ममेरे भाई की शादी हरदोई के कस्बा सांडी में है। वह दोस्त सोनू के साथ शादी में शामिल होने जा रहा था। गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों में घुसा पानी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बैसाखी पूर्णिमा पर बुधवार तड़के गंगा स्नान करने पांचालघाट पहुंचे श्रद्धालु व पंडा जलस्तर बढ़ा देखकर दंग रह गए। घाटों में पानी भरने से चटाई बह गईं। पानी का रंग बरसात जैसा था, घास आदि भी बहकर आ रही थी। गंगा किनारे घाट तो रात में खाली हो जाते हैं, उत्तरी तट पर लगी दुकानों में लोग सुरक्षा की ²ष्टि से सोते हैं। गंगा स्नान की वजह से रात में बाहर से आए श्रद्धालु पांचालघाट पर ही रुके थे। तड़के तीन बजे से स्नान भी शुरू हो गया। पंडा भी आ गए थे। उत्तरी ओर घाटों के अंदर तक पानी पहुंच गया, इससे वहां पड़ी चटाई बह गईं। पंडों ने तख्त आदि सामान पीछे कर पूजा-अर्चना शुरू कराई। पॉटून पुल पर जाने के लिए लोगों को पानी में घुसकर निकलना पड़ा। दिन चढ़ने पर खासी भीड़ हो गई। शाम तक गंगा स्नान चलता रहा। गंगा में पहनावन, तट पर हवन, सत्य नारायण की कथा आदि धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे।


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