टूटे रिश्तों में डोर बांध रहा महिला परामर्श केंद्र
जरा-जरा सी बात पर बिखर रहे रिश्तों को महिला परामर्श केंद्र परिवार को एक करा रहा है। ताकि दंपती एक ही छत के नीचे रह सकें। विगत वर्ष आईं 503 शिकायतों में 200 दंपतियों में समझौता कराकर उन्हें साथ-साथ रहने की सलाह देकर विदा किया गया। हालांकि अन्य मामलों में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जरा-जरा सी बात पर बिखर रहे रिश्तों को महिला परामर्श केंद्र परिवार को एक करा रहा है। ताकि दंपती एक ही छत के नीचे रह सकें। विगत वर्ष आईं 503 शिकायतों में 200 दंपतियों में समझौता कराकर उन्हें साथ-साथ रहने की सलाह देकर विदा किया गया। हालांकि अन्य मामलों में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है।
पति पत्नी जैसे मधुर रिश्ते पर स्मार्टफोन ग्रहण लगा रहा है। मोबाइल पर अधिकांश समय दूसरों से बात करने से जन्म-जन्म के रिश्ते दरक रहे रहे हैं। हालांकि दहेज संबंधित शिकायतें भी आ रहीं हैं। ससुराल में कलह बढ़ने पर महिलाएं मायके आकर रहने लगीं। विगत वर्ष पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा और अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह के समक्ष जब इस प्रकार के मामले पहुंचे तो उन्होंने पीड़िताओं को महिला परामर्श केंद्र पर भेजा। वहां से दूसरे पक्षों को केंद्र पर बुलाकर दोनों पक्षों में बातचीत की गई। 200 मामलों में समझौता कराकर एक साथ रहने की सलाह देकर घर भेजा गया। इस प्रकार की आ रहीं शिकायतें
पति या फिर महिला के मोबाइल पर अधिक व्यस्त रहना, छोटी सी छोटी बात को लेकर महिला को डांटना, मन पसंद वस्तु न लाना, मायके न भेजना आदि। केंद्र में हैं यह लोग
सिपाही संगीता यादव, सिपाही आमलता कुशवाह, सिपाही प्राची के अलावा काउंसलर पूर्व प्रधान नीलम दुबे, रमला राठौर। '503 शिकायतों में 200 दंपतियों में समझौता कराया जा चुका है। अब वह साथ-साथ रह रहे हैं। अन्य मामलों में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है।'
- प्रतिभा बाजपेयी, महिला परामर्श केंद्र प्रभारी।