जलस्तर बढ़ते ही फिर पलायन करने लगे ग्रामीण
संवाद सूत्र, कंपिल : पिछले एक पखवारे से कम वर्षा होने और बैराजों से पानी कम मात्रा में छोड़
संवाद सूत्र, कंपिल : पिछले एक पखवारे से कम वर्षा होने और बैराजों से पानी कम मात्रा में छोड़े जाने से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों की हालत में थोड़ा बहुत सुधार होना शुरू हुआ था, लेकिन अचानक विगत दो दिनों से जलस्तर में वृद्धि होने से इन गांवों में फिर संकट के बादल घिर आए हैं। कटान और बीमारी झेल रहे ग्रामीण एक बार फिर पानी बढ़ने से मकान तोड़ कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।
गंगा नदी का घटता जलस्तर ज्यादा कटान करता है। गंगा नदी किनारों पर बसे पथरामई, जटा व पुंथर को अपने निशाने पर लिए हुए है। सर्वाधिक खतरा पथरामई पर मंडरा रहा है। जिससे ग्रामीण अपने ही हाथों अपना आशियाना उजाड़ दूर बसने के लिए पलायन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा सुधि न लिए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। गंगा की धार से पथरामई गांव के अधिकांश ग्रामीण बेघर हो गए हैं। ग्रामीणों ने खेतों में पॉलीथिन व झोपड़ियां डालकर आशियाना बना लिया है। गांव के जयप्रकाश ने गंगा की धार के करीब पहुंचते ही मकान तोड़ लिया है, लेकिन घरेलू सामान रखने के लिए भूमि न होने से उन्होंने बल्लियों के सहारे छप्पर रखकर घरेलू सामान उसपर रख दिया है। बेघर ग्रामीण सड़कों पर झोपड़ियों व पॉलीथिन के सहारे गुजर कर रहे हैं। तीन दर्जन से अधिक ग्रामीण बीमार
पथरामई गांव के तीन दर्जन से अधिक ग्रामीण मलेरिया बुखार, खांसी, जुकाम व खुजली आदि रोगों से पीड़ित हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जब से बाढ़ का पानी कम होना शुरू हुआ। तबसे किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने गांव जाकर ग्रामीणों की समस्या दूर करने की कोशिश नहीं की है। इसको लेकर ग्रामीण काफी गुस्से में हैं। पथरामई निवासी ¨सटू मिश्र बताते हैं कि जबसे पानी कम होना शुरू हुआ तब से गांव में एक बार ही स्वास्थ्य विभाग की टीम दवा देने आई थी, उसके बाद किसी ने उनकी सुध नहीं ली। रोग फैलने से मरने लगे पशु
पथरामई गांव में बाढ़ का पानी कम होने से बीमारियों ने अपने पांव पसार लिए है। पशुओं में खुरपका, मुंहपका, गला घोंटू रोग फैलने लगे हैं। पथरामई निवासी जय¨सह, डारु, रामऔतार और ओमप्रकाश की करीब एक दर्जन बकरियों की बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गयी। लगभग दो दर्जन मवेशी खुरपका, मुंहपका आदि बीमारियों से ग्रस्त हैं। ग्रामीणों ने मवेशियों का टीकाकरण न होने का आरोप लगाया है