खेतों में भरा पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी
संवाद सहयोगी कायमगंज सोमवार को गंगा में पानी बढ़ने से तराई के गांव अजमतपुर खान आलमपुर
संवाद सहयोगी, कायमगंज : सोमवार को गंगा में पानी बढ़ने से तराई के गांव अजमतपुर, खान आलमपुर, कुंअरपुर, अलीगढ़, कुआंखेड़ा, भकुसा, गंडुआ, मीरगंज, गंधिया सहित अनेक गांव के खेतों में पानी भरने से फसलें जलमग्न हो गईं। जिन खेतों में धान की फसल कट कर सूखने को पड़ी है, उसे बचाने के लिए किसान किसी तरह उसे घर पर लाने को जुटे हैं। हालांकि ऊंचाई वाले गांव के आसपास के खेतों में कच्ची मिट्टी के मेड़ बनाने से कुछ खेतों में पानी रुका है, तो कुछ की मेड़ टूट कर पानी फिर भरा है। ऐसी टूटी मेड़ों पर किसान फिर मेड़ बनाने या चारा करवी का गट्ठर डाल कर पानी रोकने की कवायद में जुटे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक गांव मीरगंज के प्रदीप कुमार की 20 बीघा, अवधेश कुमार की 25 बीघा, राजबहादुर की 18 अरविद की 15 बीघा, रामवरन की 10 बीघा, लक्ष्मीनरायन की 9 बीघा, कमलेश की 10 बीघा धान की फसल बर्बाद हुई है। तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन सतर्क है। कायमगंज के शमसाबाद क्षेत्र में तो कुछ गांवों में पानी बढ़ा है, वहां एहतियात के तौर पर नावों की व्यवस्था कर दी गई है। कुआंखेड़ा क्षेत्र में कुछ गांव के खेतों से पानी कम हुआ है।
शमसाबाद गांव कटरी तौफिक, अचानकपुर, मकसूदपुर पट्टी, गढि़या हैवतपुर, समैचीपुर चितार, कमथरी, साधौसराय व गुटैटी दक्षिण में रास्तों के साथ साथ घरों तक में पानी घुस गया है। प्रशासन द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है और न ही इन लोगों की समस्याएं सुनने को कोई पहुंचा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज मिश्रा ने गांव कटरी तौफीक, अचानकपुर, मकसूदपुर पट्टी में ट्रैक्टर से पहुंचकर ग्रामीणों को मोमबत्ती, बिस्किट के पैकेट आदि सामान वितरित किया।