यूपी बोर्ड परीक्षा : बीमार पड़े परीक्षक, प्रयोगात्मक परीक्षाएं लटकीं
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाएं 13 जनवरी तक हो
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाएं 13 जनवरी तक होनी हैं, लेकिन बोर्ड द्वारा नियुक्त कई परीक्षकों ने बीमारी की बात कहकर परीक्षा लेने आने से इन्कार कर दिया। प्रयोगात्मक परीक्षा न हो पाने की सूचना प्रधानाचार्यों ने बोर्ड सचिव व डीआइओएस को भी भेजी है।
किसी समय बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए परीक्षक बनने को बोर्ड में रिश्वत तक देनी पड़ती थी, लेकिन अब कई परीक्षक प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते। दरअसल वेतन में खासी बढ़ोत्तरी की सौगात व प्रयोगात्मक परीक्षा में मामूली पारिश्रमिक के कारण भी प्रधानाचार्यों व प्रवक्ताओं का प्रैक्टिकल लेने से मोह टूट रहा है। इस समय प्रधानाचार्य व प्रवक्ता का एक लाख रुपये अधिक तक वेतन है। जबकि बोर्ड 6 रुपये छात्र के हिसाब से ही प्रयोगात्मक परीक्षा पारिश्रमिक देता है। यात्रा भत्ता भी महज 39 पैसा प्रति किलोमीटर से मिलता है। ऐसे में कई परीक्षकों ने परीक्षा लेने आने से मना कर दिया है। अब 13 तक कई कालेजों में परीक्षा संपन्न नहीं कराई जा पाएगी।
रक्षादेवी इंटर कालेज खिमसेपुर व विलासो देवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य ने बोर्ड को सूचना भेजी कि जीजीआइसी टोडरपुर हरदोई की शिक्षिका वंदना बदल ने स्वास्थ्य ठीक न होने की बात कहकर प्रैक्टिकल लेने आने से फोन पर मना कर दिया। एसडीआर इंटर कालेज नगला पाल के प्रधानाचार्य ने खेरा रसूलपुर की प्रवक्ता इराम अंजुम के बीमार होने के आधार पर परीक्षा लेने में असमर्थता जताने की सूचना डीआइओएस को दी है। महिला विद्या इंटर कालेज लखनऊ की अंजली ¨सह, हेराल्ड पब्लिक इंटर कालेज आलमबाग के आकाश शुक्ला के न आने की लिखित सूचना भी बोर्ड को भेजी गई। सोनी पारिया इंटर कालेज, द्वारिका ¨सह कलावती इंटर कालेज हमीरखेड़ा सहित 10 प्रधानाचार्यों ने दूसरा परीक्षक नियुक्त किए जाने के लिए बोर्ड सचिव को पत्र लिखा। डीआइओएस कार्यालय के परीक्षा प्रभारी मनोज मिश्रा ने बताया कि जिन प्रधानाचार्यों के पत्र प्राप्त हुए हैं, वहां दूसरा परीक्षक नियुक्त करने की सिफारिश डीआइओएस की ओर से भेजी जा रही है।