संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित
संवाद सहयोगी अमृतपुर गंगा का जलस्तर बढ़कर चेतावनी बिदु के करीब पहुंच गया है। इससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। हरसिंहपुर कायस्थ गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। तीसराम की मड़ैया के निकट कटान तेज होने लगा है। गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ने से 136.40 मीटर पर पहुंच गया है। जलस्तर चेतावनी बिदु से 20 सेंटीमीटर दूर रह गया है। चेतावनी बिदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। नरौरा बांध से गंगा में
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर बढ़कर चेतावनी बिदु के करीब पहुंच गया है। इससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। हरसिंहपुर कायस्थ गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। तीसराम की मड़ैया के निकट कटान तेज होने लगा है। गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ने से 136.40 मीटर पर पहुंच गया है। जलस्तर चेतावनी बिदु से 20 सेंटीमीटर दूर रह गया है। चेतावनी बिदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। नरौरा बांध से गंगा में 84237 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़कर 135.10 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली से रामगंगा में 7676 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से हरसिंहपुर कायस्थ संपर्क मार्ग पर करीब तीन फिट बाढ़ का पानी बह रहा है, इससे आवागमन बाधित हो गया है। इससे ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, सुंदरपुर, कछुआ गाढ़ा, नगला दुर्गु गांव में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गांव में बाढ़ का पानी भरने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही हैं। हरसिंहहपुर कायस्थ व तीसराम की मड़ैया गांव के निकट तेज होने लगा है। तीसराम की मड़ैया के प्राथमिक स्कूल की दीवार गिर गई है। रसोई घर पहले ही गंगा की धार में बह चुका है। सबलपुर, जोगराजपुर, रामपुर, कुसमापुर, आशा की मड़ैया, उदयपुर, माखन नगला, करनपुर घाट व कुडरी सारंगपुर गांव के करीब बाढ़ का पानी पहुंच गया है। माखन नगला के निकट खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है। रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव के ग्रामीण कटान होने की आशंका से भयभीत हैं। कोलासोता के अमरजीत सिंह बताते हैं कि रामगंगा की धार का रुख गांव की ओर है। रामगंगा का और जलस्तर बढ़ते ही कटान शुरू होने की आशंका है। गांव के अधिकांश किसानों की उपजाऊ भूमि नदी की धार में पहले ही कट चुकी है।