तीन फायर मिस हुए, तब चली पेन पिस्टल वीएलपी
संवाद सहयोगी कायमगंज अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा कोतवाली के निरीक्षण में तमाम खामियां मिलीं। सलामी दिए जाने में गलती से शुरू हुई खामियों की लिस्ट बढ़ती चली गई। असलहे खोलने लोड करने व चलाने की क्षमता परखने के दौरान वेरी लाइट पिस्टल पेन पिस्टल के तीन फायर मिस हुए चौथी बार में फायर हुआ।
संवाद सहयोगी, कायमगंज : अपर पुलिस अधीक्षक के कोतवाली के निरीक्षण में तमाम खामियां मिलीं। सलामी दिए जाने में गलती से शुरू हुई खामियों की लिस्ट बढ़ती चली गई। असलहे खोलने, लोड करने व चलाने की क्षमता परखने के दौरान वेरी लाइट पिस्टल पेन पिस्टल के तीन फायर मिस हुए, चौथी बार में फायर हुआ।
एएसपी त्रिभुवन सिंह सोमवार दोपहर कोतवाली के निरीक्षण को पहुंचे, तो नियमानुसार उन्हें सलामी दी गई। सलामी दिए जाने में ही गलती होने पर एएसपी ने टोका, सलामी समर्पित पर हेड कांस्टेबल ने बाएं जाने का कमांड दिया तो सलामी देने वाले कुछ कांस्टेबल बाएं घूमे तो कुछ दाएं। गलती का एहसास होने पर इस त्रुटि को ठीक किया। इसके बाद एएपपी ने वहां मौजूद उपनिरीक्षकों से पिस्टल खुलवाकर व फायर पोजीशन में लाने की प्रेक्टिस देखी। प्रभारी निरीक्षक जेपी शर्मा ने पेन पिस्टल चलाई, जो दो बार मिस हुई। इस पर एएसपी ने चलाई तो उनसे भी एक बार मिस हुई। चौथे प्रयास में एएसपी ने फायर किया। एसआइ मंजीत कुमार ने एंटी राइट गन व विनीत कुमार ने रबर बुलेट गन चलाकर दिखाई। शस्त्रों के साथ रखे फर्स्ट एड बाक्स को खुलवा देखा गया तो उसमें सभी सामग्री व दवाइयां एक्सपायर डेट की निकलीं। सीओ अवनीश कुमार के आदेश पर सभी सामग्री को तुरंत फेंका गया। अभिलेखीय निरीक्षण में हिस्ट्रीशीटर की निगरानी को पर्याप्त नहीं पाया व नियमानुसार निगरानी के निर्देश दिए। वाहन चोरी के कुल दर्ज 17 मामलों में सिर्फ एक की बरामदगी, बाकी में फाइनल रिपोर्ट लगने पर असंतोष जताया। विभिन्न चोरी नकबजनी के मामलों में कुल गए माल की सिर्फ 30 फीसद बरामदगी को भी संतोषजनक नहीं माना गया। चोरी व नकबजनी रजिस्टर की प्रविष्टियां भी अद्यतन (अपडेट) नहीं पाई गईं। सीओ अवनीश कुमार के साथ शस्त्रागार, आवासीय परिसर, निष्प्रयोज्य पड़े लावारिस व मुकदमा संबधी वाहनों को देखा व उनके निस्तारण का निर्देश दिया। कारतूस निकालकर गिनती परखी
कारतूस देखते समय दीवान रवेंद्र कुमार से खुले कारतूसों की गिनती पूछी। उन्होंने 187 बताई, तो एएसपी ने गिनने को कहा। गिनने में 181 निकले, तो दीवान सकपका गए। तभी एएसपी ने छह कारतूस दिए, जो उन्होंने गिनती कराने से पहले परख करने के लिए निकाल लिए थे। इस तरह कारतूसों की गिनती सही निकली। साठ वर्ष पुराना हुआ गोपनीय रजिस्टर
निरीक्षण के दौरान कोतवाली का गोपनीय रजिस्टर प्रस्तुत हुआ, जो इतना अधिक पुराना व जर्जर था कि उसके पृष्ठ गलकर फट रहे थे। रजिस्टर की प्राचीनता का अनुमान लगाने को एएसपी ने रजिस्टर में अंकित तारीखों को देखा तो वर्ष 1956 की प्रविष्टि लिखी मिली। जाहिर है कि रजिस्टर 1956 से पहले बना होगा। एएसपी ने नया गोपनीय रजिस्टर बनाने का निर्देश दिया।