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जलस्तर स्थिर होने के बाद भी कटान तेज

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : रामगंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी कटान हो रहा है। जिससे अह

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 08:10 PM (IST)
जलस्तर स्थिर होने के बाद भी कटान तेज
जलस्तर स्थिर होने के बाद भी कटान तेज

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : रामगंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी कटान हो रहा है। जिससे अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव के बा¨शदे भयभीत हैं। गंगा का जलस्तर घटने के बाद भी कई गांव के लोग बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं।

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रविवार को गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़कर 136.00 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 35500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर चेतावनी ¨बदु 136.60 मीटर पर स्थिर है। गंगा में बाढ़ का पानी तीसराम की मड़ैया के संपर्क मार्ग की टूटी पुलिया के ऊपर बह रहा है। बांस बल्ली की पुलिया को हटाकर लोक निर्माण विभाग ने पुलिया बना दी, लेकिन सड़क को जोड़ने के लिए मिट्टी नहीं डलवाई जिससे आवागमन बंद है। हर¨सहपुर कायस्थ और ऊगरपुर के बा¨शदे बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं। मंझा की मड़ैया के ग्रामीण नाव के सहारे सोतानाला पार कर रहे हैं। गंगा की बाढ़ का पानी तटवर्ती गांव मंझा की मड़ैया, ऊगरपुर, हर¨सहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, सबलपुर, नगला दुर्गू, जोगराजपुर, रामपुर, करनपुर घाट, कुडरी सारंगपुर, फकरपुर, जटपुरा कैलियाई, भाऊपुर चौरासी के अधिकांश खेतों में भर गया है। जिससे सरसों गन्ने की बुआई प्रभावित हो गई है। सुंदरपुर के राजू बताते हैं कि खेतों से बाढ़ का पानी निकल जाने जुताई कर फसल की बुआई की तैयारी कर रहे थे। गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से खेतों में दोबारा बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे फसल की बुआई प्रभावित हो गई है।

रामगंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी अहलादपुर भटौली व कोलासोता में कटान हो रहा है। कोलासोता गांव के निकट कृषि भूमि नदी की धार से कट रही है।अहलादपुर के ग्रामीण रामगंगा की धार के रुख पर नजर गड़ाए हैं। गांव में कई घर नदी की धार की जद में है जिससे ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ गई है। बिर¨सहपुर में कृषि भूमि नदी की धार से कट रही है। समैचीपुर में भी कटान जारी

शमसाबाद : गांव समैचीपुर चितार में गंगा का कटान जारी है। जिससे सद्दाम, आसमा व कैसर की झोपड़ियों को खतरा बढ़ गया है। अगर ऐसे ही कटान हुआ तो इन लोगों की झोपड़ियां गंगा में कट जाएंगी। यह लोग अपना जरूरी सामान निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। ग्राम प्रधान के पति यासीन ने बताया कि जिस जगह परकोपाइन लगी है वहां पर कटान रुक गया है और जहां पर परकोपाइन नहीं लगी है, वहां पर कटान तेजी से चल रहा है। जिससे बचे हुए मकान तथा झोपड़ियों को खतरा बढ़ गया है। इस संबंध में कायमगंज तहसील प्रशासन को जानकारी दे दी गई है। शीघ्र ही बचे हुए जगहों परकोपाइन लगवाई जाएगी।


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