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हुजूर के 'मुए-मुबारक' की ज्यारत से अकीदतमंद निहाल

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कौमी एकता की मिसाल शहर की कदीमी दरगाह हुसैनिया मुजीबिया

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 03:01 AM (IST)
हुजूर के 'मुए-मुबारक' की ज्यारत से अकीदतमंद निहाल
हुजूर के 'मुए-मुबारक' की ज्यारत से अकीदतमंद निहाल

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कौमी एकता की मिसाल शहर की कदीमी दरगाह हुसैनिया मुजीबिया के 148वें सालाना उर्स के मौके पर अकीदतमंदों का हुजूम नजर आया। उर्स में कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह दरगाही मस्जिद में कुरान-ख्वानी से हुई। सज्जादानशीन कारी शाह फसीह मुजीबी ने इस मौके पर अकीदतमंदों को मुए-मुबारक की ज्यारत कराई। बाद में महफिले समां में सूफियाना कलामों से खिराजे अकीदत पेश की गई।

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मोहल्ला सूफी खां स्थित दरगाह हुसैनिया मुजीबिया में 148वें सालाना उर्स के मौके पर रविवार को सज्जादानशीन ने हुजूर के मुए-मुबारक की ज्यारत कराई तो अकीदतमंदों ने दुरूद शरीफ पढ़कर आंखों से लगाया। उर्स की शुरुआत कुरान-ख्वानी से हुई। शाह फसीह मुजीबी ने खुलफा राशिदीन के व्यवहार और किरदार पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि बुजुर्गाने दीन के मजारों पर हाजिरी और उनकी ज्यारत सवाब देती है। ज्यारत के दौरान सज्जादानशीन ने मुए-मुबारक के अलावा हुजूर के कई पत्रों के भी दीदार कराए जो उन्होंने उस वक्त के बादशाहों को लिखे थे। इसके बाद कव्वालों ने सूफियाना कलामों के जरिये खिराजे अकीदत पेश की गई और प्रसाद वितरण किया गया। उर्स में कोलकाता, एटा, अलीगढ़, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, नागपुर, मुंबई आदि शहरों से आए हुए मुरीदन काफी तादाद में मौजूद रहे। सज्जादानशीन ने बताया कि देर रात कालाबाग से गागर जुलूस दरगाह पर पहुंचेगा। इसके बाद महफिला समां शुरू होगी। सोमवार व मंगलवार को भी महफिले समां जारी रहेगी। बुधवार सुबह कुल व फातिहा के बाद उर्स के आयोजन समाप्त होंगे।


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