वीरेंद्र देव पर दर्ज हैं दुष्कर्म के कई मुकदमे
संवाद सूत्र, कंपिल (फर्रुखाबाद) : कंपिल में गंगा रोड स्थित वीरेंद्र देव दीक्षित का आध्यात्मिक ईश्व
संवाद सूत्र, कंपिल (फर्रुखाबाद) : कंपिल में गंगा रोड स्थित वीरेंद्र देव दीक्षित का आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय 19 वर्ष पूर्व कोलकाता की युवती के अपहरण व यौन शोषण के आरोपों से पहली बार चर्चा में आया था। तब से इसकी गतिविधियों को लेकर अंगुलियां उठती रहीं। इसके बाद आश्रम संचालक वीरेंद्र देव के विरुद्ध यौन उत्पीड़न, पुलिस मुठभेड़ व अन्य संगीन धाराओं में आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हुए। आश्रम आज तीन मंजिला और भव्य रूप में है, लेकिन युवतियों कि बड़ी संख्या में मौजूदगी से लोगों के बीच हमेशा चर्चा का विषय रही।
कंपिल के मोहल्ला चौधरियान में वीरेंद्र देव का आश्रम 34 वर्षो से संचालित है। दड़बेनुमा मकान से शुरू हुए इस केंद्र की गतिविधियों को लेकर क्षेत्र में चर्चा होती रही है। 30 मार्च 1998 को कोलकाता की युवती के माता-पिता ने कंपिल थाने में पुत्री को जबरन आश्रम में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पुलिस ने आश्रम के 11 सेवादारों को शांतिभंग की धारा में बंद कर पीड़िता को नारी निकेतन भेजा था। इसके बाद 3 अप्रैल 1998 को अहमदाबाद के एक व्यक्ति ने पुत्री को बरगला कर आश्रम में दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वीरेंद्र देव, उनकी पत्नी कमला व कर्नाटक की शांता बहन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने 16 अप्रैल 1998 को मथुरा की महिला की तहरीर पर वीरेंद्र, कमला सहित तीन लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म और इसी दिन बिजली चोरी का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने वीरेंद्र की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में छापा मारा, तो उसके चेले पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने वीरेंद्र देव, सेवादार रवींद्र दास, जगन्नाथ, महेश, जनार्दन, मनोरंजन, कोपली, शांता बहन सहित आठ लोगों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। 17 अप्रैल को दिल्ली की शाहदरा निवासी महिला की तहरीर पर वीरेंद्र देव सहित आधा दर्जन लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। आश्रम की गतिविधियों व संपत्ति को लेकर सीबीसीआइडी व आयकर विभाग भी टीम भी जांच कर चुकी है।
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बंद गाड़ी से भेजे गए सेवादार और महिलाएं
वीरेंद्र देव के दिल्ली स्थित आश्रम में यौन शोषण के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई सीबीआइ जांच के बाद कंपिल का आश्रम फिर चर्चा में है। गुरुवार को कंपिल के आश्रम के दोनों गेट अंदर से बंद रहे। दोपहर को एक बंद गाड़ी से कुछ सेवादारों और महिलाओं को आश्रम से बाहर भेजा गया। आश्रम में वर्तमान में कितने सेवादार व महिलाएं हैं, इस संबंध में आश्रम के लोगों ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। फर्रुखाबाद के सिकत्तर बाग स्थित आश्रम में दिन भर ताला पड़ा रहा है और कोई गतिविधि नहीं हुई।