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टिकट रोल गायब होने व 53 हजार का गलत अंकन बना रेल कर्मियों के गले की फांस

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन के टिकट कार्यालय से पांच साल पहले टिकट रोल ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:39 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:39 PM (IST)
टिकट रोल गायब होने व 53 हजार का गलत अंकन बना रेल कर्मियों के गले की फांस
टिकट रोल गायब होने व 53 हजार का गलत अंकन बना रेल कर्मियों के गले की फांस

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : रेलवे स्टेशन के टिकट कार्यालय से पांच साल पहले टिकट रोल गायब हो गया था। इसके बाद रिजर्वेशन से मिलने वाली धनराशि में 53,250 रुपये का गलत अंकन दर्शा दिया गया। इसका पता चलने पर रेलवे ने विजिलेंस जांच शुरू कराई। जिसमें तत्कालीन वाणिज्य अधीक्षक पर शिकंजा कस गया है। उनके भुगतान रोक दिए गए। 51 माह की बैलेंस शीट भी नहीं बन पाई। इसको लेकर विभागीय अधिकारी परेशान हैं। रिटायर्ड वाणिज्य अधीक्षक ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दोबारा जांच कराए जाने की मांग की है।

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वर्ष 2016 में वाणिज्य अधीक्षक कार्यालय में भेजे गए टिकट रोल में से एक रोल गायब हो गया। काफी दिनों तक यह मामला दबा रहा। 22 जुलाई 2016 को रिजर्वेशन से होने वाली आय में 53,250 रुपये का वाउचर अधिक लगा दिया गया। इसको लेकर विभाग ने विजिलेंस जांच शुरू कराई। विजिलेंस टीम ने तत्कालीन वाणिज्य अधीक्षक रामनरेश को दोषी मानकर अपनी जांच आख्या दे दी। इसी बीच रामनरेश सेवानिवृत्त हो गए। उनके लाखों रुपये का बकाया देय रोक दिया गया है। टिकट रोल गायब होने के मामले में भी सात लाख से अधिक का भुगतान जमा किया जाना है। इसके चलते 51 माह की बैलेंस शीट नहीं बन पाई। विभागीय अधिकारी अब बैलेंस शीट बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। रिटायर्ड वाणिज्य अधीक्षक रामनरेश ने बताया कि टिकट रोल गायब होने के समय वह अवकाश पर थे। चार्ज दूसरे कर्मचारी के पास था। वह रोल आया ही नहीं था। 53,250 रुपये का अंकन लिपिकीय त्रुटि है। बैलेंस शीट नहीं बनी यह जिम्मेदारी वर्तमान अधिकारी की है। उन्हें बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दोबारा जांच कराने की मांग की है। मुख्य वाणिज्य निरीक्षक अवध बिहारी ने बताया कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई चल रही है।


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