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ओवरब्रिज की जद में शहर की पेयजल व्यवस्था

फतेहगढ़-फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग पर ओवर ब्रिज निर्माण के लिए पेयजल विद्युत और टेलीफोन लाइनों की शिफ्टिग के लिए शासन की ओर से दो करोड़ रुपये की धनराशि संबंधित विभागों को लगभग दो वर्ष पूर्व ही हस्तांतरित कर दी गई थी। इसके बावजूद काम न होने पर सेतु निगम ने इस माह काम शुरू कर दिया। ब्रिज के पिलर की नींव के बीच में निकली पाइप लाइनें फिलहाल सपोर्ट के सहारे हवा में टंगी हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 10:51 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 06:02 AM (IST)
ओवरब्रिज की जद में शहर की पेयजल व्यवस्था
ओवरब्रिज की जद में शहर की पेयजल व्यवस्था

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फतेहगढ़-फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग पर ओवर ब्रिज निर्माण के लिए पेयजल, विद्युत और टेलीफोन लाइनों की शिफ्टिग के लिए शासन की ओर से दो करोड़ रुपये की धनराशि संबंधित विभागों को लगभग दो वर्ष पूर्व ही हस्तांतरित कर दी गई थी। इसके बावजूद काम न होने पर सेतु निगम ने इस माह काम शुरू कर दिया। ब्रिज के पिलर की नींव के बीच में निकली पाइप लाइनें फिलहाल सपोर्ट के सहारे हवा में टंगी हैं। जरा सी ठेस से हजारों लोगों की पेयजल आपूर्ति बाधित होने का खतरा है। वहीं जल निगम के पास अतिक्रमण न हटवाए जाने के चलते शिफ्टिग न कर पाने का बहाना है।

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लगभग 29 करोड़ की लागत से भोलेपुर में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण लगभग छह वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था। दो वर्ष बजट की पहली किस्त के तौर पर दो करोड़ रुपये की धनराशि लाइन शिफ्टिग के लिए अवमुक्त की गई। यह धनराशि संबंधित विभागों को हस्तांतरित कर दी गई। हालांकि सेतु निगम द्वारा ले-आउट फाइनल न होने के चलते काम रुका रहा। ले-आउट और मार्किंग के बाद दोनों ओर अतिक्रमण हटाने की कवायद के नाम पर अभी तक सेतु निगम और जिला प्रशासन की प्रगति शून्य है। यही कारण है कि अभी तक लाइनें शिफ्ट ही नहीं हो सकी हैं। क्योंकि जहां पर लाइनें शिफ्ट होनी हैं, वहां पर असरदार लोगों के आलीशान मकान खड़े हैं।

हालांकि प्रदेश सरकार के दबाव के चलते सेतु निगम ने बिना अतिक्रमण हटवाए ही बीच सड़क पर अवरोध लगा कर काम शुरू कर दिया है। अतिक्रमण के चलते दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण भी नहीं हो सका है। इसके चलते रोज घंटों जाम लगता है। वहीं अब खोदाई के बीच पाइप लाइनें निकलने लगी हैं। पेयजल की पाइप लाइनों को सपोर्ट देकर हवा में टांग दिया गया है। इससे क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति पर भी खतरा मंडरा रहा है। जल निगम अधिशासी अभियंता ने बताया कि विभाग को 37 लाख रुपये का बजट मिल गया है, लेकिन अतिक्रमण न हटने के कारण लाइन शिफ्टिग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। नगर पालिका की टूटी लाइन से जलभराव, राहगीर परेशान

पिलर बनाने को सेतु निगम द्वारा खोदाई से पाइप लाइन टूट जाने के चलते निकलने को बची मात्र चार फिट जगह में भी जलभराव हो गया। काफी संख्या में वाहनों के गुजरने से सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई। निकलने के दौरान कई बाइक सवार कीचड़ में गिर भी जाते हैं। दिन में कई बार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का काफिला भी इधर से गुजरता है।


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