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सड़कों की तकनीकी खामी बनती जान की दुश्मन

वाहनों से रोडटैक्स के नाम पर भारी भरकम टैक्स वसूलने के बाद भी सरकार वाहन चालकों के लिए सड़कों पर कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पा रही हैं। शहर के एक मात्र इटावा-बरेली हाईवे पर ही कई जगहों पर हादसों के कारण मुंह फैलाए खड़े हैं। जरा सी चूक हो जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है। शहर के अंदर भी सड़कों के बीच में खूनी खंभे खड़े हैं जो कि कोहरे में दिखते नहीं हैं और अक्सर वाहन इनसे टकराते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:08 AM (IST)
सड़कों की तकनीकी खामी बनती जान की दुश्मन
सड़कों की तकनीकी खामी बनती जान की दुश्मन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : वाहनों से रोडटैक्स के नाम पर भारी भरकम टैक्स वसूलने के बाद भी सरकार वाहन चालकों के लिए सड़कों पर कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पा रही हैं। शहर के एक मात्र इटावा-बरेली हाईवे पर ही कई जगहों पर हादसों के कारण मुंह फैलाए खड़े हैं। जरा सी चूक हो जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है। शहर के अंदर भी सड़कों के बीच में खूनी खंभे खड़े हैं, जो कि कोहरे में दिखते नहीं हैं और अक्सर वाहन इनसे टकराते हैं।

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इटावा-बरेली हाईवे पर पसनिगपुर गांव के पास खरौआ नाले के पुल की रेलिग करीब छह माह से टूटकर गायब हो चुकी है। यहीं पर हल्का मोड़ भी है। सामने से आने वाले वाहन के कारण चालक यदि जरा भी असावधानी बरते तो बड़े हादसे का शिकार हो सकता है। अभी 15 दिन पहले ही इस पुल से एक डीसीएम टकराकर लटक गई थी। इसमें चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी हाईवे पर जिले में प्रवेश करते वक्त मदनपुर पुलिस चौकी के दोनों ओर अनाधिकृत रूप से बड़े-बड़े ब्रेकर बनवा दिए गए हैं। इससे यहां वाहन चालक तेजी से ब्रेक लगाते हैं तो हादसे होते हैं। इस हाईवे पर न जाने कितनी जगह पर अवैध ब्रेकर बने हैं। इसी हाईवे पर लिक रोड पर भी कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं। खिमसेपुर, मोहम्मदाबाद, मुरहास कन्हैया में आए लिक रोड पर कोई संकेतक तक नहीं लगा है। इन लिक रोड से अचानक हाईवे पर आने वाले वाहन हादसे का कारण बनते हैं। चालक को भ्रमित कर देता है मसेनी चौराहा

इटावा-बरेली हाईवे पर मसेनी चौराहा चालकों को भ्रमित कर देता है। यहां पर एक रास्ता आवास-विकास की ओर से जाता है, दूसरी फतेहगढ़ छावनी से। यहीं से कुछ दूरी पर ही नेकपुर चौरासी से जाने वालों के वाहन होते हैं। यहां पर चढ़ाई भी है। ऐसे हालात में वाहन चालक यदि सड़क पर रुकता है तो उसके पीछे लौटने की गुंजाइश बनी रहती है। यदि रफ्तार में सीधे हाईवे पर पहुंचता है तो वह किसी भी वाहन से हादसा कर सकता है। रामभरोसे छोड़ दिया यातायात

चाहे इटावा-बरेली हाईवे हो या फिर शहर के प्रमुख मार्ग। यहां पर वाहन चालकों को हादसों से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। हाईटेक दौर में भी पूरे जिले में कहीं भी एक ट्रैफिक लाइट तक नहीं लगी है। सामरिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण इटावा-बरेली हाईवे की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। हालांकि फर्रुखाबाद-कानपुर मार्ग पर सड़क पर कुछ स्थानों पर सफेद रेडियम पट्टी डाली गई हैं, जो कि वाहन चालकों की मददगार साबित होती हैं। ऐसे हो सकता सुधार

- मसेनी चौराहे पर यातायात पुलिस तैनात होनी चाहिए। जो कि नियंत्रित करके वाहनों को संचालित करवाए।

- हाईवे पर डिवाइडर नहीं हैं तो कम से कम उस पर रेडियम पट्टी डलवानी चाहिए।

- हाईवे के ब्रेकर मानक के अनुरूप कराए जाएं। अमानक ब्रेकर समाप्त किए जाएं।

- स्कूल कालेजों के बाहर बने ब्रेकर दुरुस्त कराए जाएं। अधर में लटक गया हाईवे

अभी तक स्टेट हाईवे में शामिल रहा इटावा-बरेली मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा मिल गया है। हालांकि अभी तक इसके चौड़ीकरण का काम शुरू नहीं हो सका है। एनएच में चले जाने से स्थानीय लोक निर्माण विभाग ने भी इसकी मरम्मत व रखरखाव से अपने हाथ खींच लिए हैं। इस कारण इसकी दयनीय हालत हो गई है। इन नियमों का हो पालन

- सड़क पर सभी को अपनी बायीं ओर चलना चाहिए।

- दूसरी ओर से आ रहे वाहन को क्रॉस करने के लिए जगह देना चाहिए।

- कोहरे में वाहन की रफ्तार धीमी रखें। मोड़ पर तो और भी कम कर लें।

- कोहरे में गाड़ी की हेडलाइट लो बीम पर जलाकर चलें।

- सड़क किनारे गाड़ी पार्क करते समय इंडीकेटर व खड़ी करने के बाद पार्किंग लाइट जला कर रखना चाहिए।

- गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें, खासतौर से स्कूल, अस्पताल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में। सरकार के भरोसे न रहें

कोहरे में सरकारी अधिकारियों के भरोसे न रहें। स्वयं ही सड़क पर निकलते वक्त सतर्क रहें। कोहरे के दौरान वाहन को नियंत्रित गति में चलाएं। ज्यादा कोहरा हो तो वाहन सड़क से नीचे उतार कर सुरक्षित खड़ा कर लें और उसकी पार्किंग लाइट जलने दें।

- चरन सिंह, शिक्षक। कोहरे के दौरान सड़क पर सचेत रहें। जहां पर मोड़ हो, वहां पर हो सके तो वाहन रोक लें और किसी वाहन के न आने का इत्मिनान कर लें, फिर धीमी गति में वाहन को मोड़ें। कोहरे में वाहन की लाइट लो बीम पर जलाकर चलें। हाईवे की बायीं पट्टी को देखकर ही चलें।

- संजीत कटियार, अधिवक्ता। सड़क पर जब भी चलें तो यही सोंच कर चलें कि हर कोई उसे टक्कर मारने आ रहा है। इससे आप सचेत रहेंगे। सड़क पर हमेशा सावधानी से चलें, क्योंकि सामने वाला भी कभी गलती कर सकता है। कोहरे में यदि कभी वाहन खराब हो जाए तो उसकी लाइटें जला दें।

- सचिन चौरसिया, बाइक कंपनी कर्मी अपने वाहनों की नियमित चेकिग कराएं। किसी जानकार और अनुभवी मिस्त्री से ही वाहन रिपेयरिग करवाएं। वाहनों में फॉग लाइटें लगवा लें, ताकि कोहरे के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हों। सड़क पर गति नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें। बाइक चालक भी सतर्कता से चलें।

- विनीत मिश्रा, व्यवसायी।


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