हल्की बारिश व तेज हवा में ही दगा दे गया उपकेंद्र
फतेहगढ़ के भोलेपुर स्थित विद्युत खंड कार्यालय परिसर में उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की लागत से उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। मुख्य अभियंता ने दो माह पूर्व उपकेंद्र का शुभारंभ किया। उनके सामने ही दोनों ट्रांसफार्मर के ब्रेकर फेल हो गए थे। कार्यदायी संस्था ने 15 दिन पूर्व ही उपकेंद्र की मरम्मत करवाई थी। इसके बाद उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू की गई। गुरुवार देर रात से ही उपकेंद्र पुन ठप हो गया। विद्युत अधिकारियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद पुराने उपकेंद्र से ही आपूर्ति शुरू कराई।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फतेहगढ़ के भोलेपुर स्थित बिजली खंड कार्यालय परिसर में उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की लागत से उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। मुख्य अभियंता ने दो माह पूर्व उपकेंद्र का शुभारंभ किया। उनके सामने ही दोनों ट्रांसफार्मर के ब्रेकर फेल हो गए थे। कार्यदायी संस्था ने 15 दिन पूर्व ही उपकेंद्र की मरम्मत करवाई थी। इसके बाद उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू की गई। गुरुवार देर रात से ही उपकेंद्र पुन: ठप हो गया।
भोलेपुर खंड कार्यालय परिसर में लगभग एक वर्ष पूर्व उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। इस उपकेंद्र से मिल्क डेयरी फीडर, फतेहगढ़-फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग, नेकपुर चौरासी, सैनिक कॉलोनी, नगला प्रीतम, नगला राजन, दुर्गा कॉलोनी, अपर दुर्गा कॉलोनी, नगलादीना, शिवाजी कॉलोनी, फतेहगढ़ सहित आधा सैकड़ा मोहल्लों के अलावा लोको रोड, छावनी क्षेत्र में भी आपूर्ति दी जानी थी। लोड अधिक होने के कारण आए दिन फाल्ट होने से आपूर्ति बाधित हो जाती थी। इसी के चलते लगभग 15 दिन पहले ही नए उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू कराई गई थी। गुरुवार देर रात तेज हवा व बारिश आने से उपकेद्र ठप हो गया। इससे उपभोक्ताओं को करीब आठ घंटे बिजली नहीं मिल सकी। शुक्रवार सुबह बिजली कर्मियों ने उपकेंद्र को चालू करने का काफी प्रयास किया, लेकिन ब्रेकर फेल होने से आपूर्ति चालू नहीं हो सकी। बिजली कर्मियों ने पुराने उपकेंद्र से ही लाइन जोड़कर आपूर्ति शुरू कराई। अधिशासी अभियंता राजेंद्र बहादुर यादव ने बताया कि नया उपकेंद्र पहले दिन ही दगा दे गया था। मरम्मत कराने के बाद उसे दोबारा शुरू कराया गया, लेकिन वह ठप हो गया। उन्होंने बताया कि उपकेंद्र को अभी हैंडओवर नहीं लिया गया है। कार्यदायी संस्था ही इसकी जिम्मेदार है।