नाटक का मंचन कर देशभक्ति का भरा जज्बा
पांचाल घाट पर लगे मेला श्री रामनगरिया के आखिरी सप्ताह के चलते भीड़ बढ़ने लगी है। दिन के साथ ही रात में भी मेला देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। रात में मनोरंजन व कल्पवास क्षेत्र में लगीं रंग-बिरंगी लाइटों का विहंगम ²श्य अलग ही छठा बिखेर रहा है। साधुसंत व कल्पवासी जहां आस्था में डूबे नजर आते हैं तो सांस्कृतिक पंडाल में कार्यक्रमों की धूम मची है। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने नाटक का मंचन कर लोगों में देशभक्ति का जज्बा भरा तो राधा-कृष्ण के नृत्य ने कल्पवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पांचाल घाट पर लगे मेला श्री रामनगरिया के आखिरी सप्ताह के चलते भीड़ बढ़ने लगी है। दिन के साथ ही रात में भी मेला देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। रात में मनोरंजन व कल्पवास क्षेत्र में लगीं रंग-बिरंगी लाइटों का विहंगम ²श्य अलग ही छठा बिखेर रहा है। साधुसंत व कल्पवासी जहां आस्था में डूबे नजर आते हैं तो सांस्कृतिक पंडाल में कार्यक्रमों की धूम मची है। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने नाटक का मंचन कर लोगों में देशभक्ति का जज्बा भरा तो राधा-कृष्ण के नृत्य ने कल्पवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रामनगरिया समाप्त होने में महज एक सप्ताह बचा है। इसको लेकर मेला देखने के लिए लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। ग्रामीण इलाकों से लोग जहां दिन में आ रहे हैं तो शहर के लोग शाम को मेला देखने के लिए निकलते हैं। मनोरंजन क्षेत्र में लगे विभिन्न प्रकार के झूलों व मौत के कुआं में लगीं रंग-बिरंगी लाइटें पांचालघाट पुल से देखने पर काफी मनमोहक लगती हैं। वहीं दूसरी ओर बसा तंबुओं का शहर भी दूधिया रोशनी से नहाता हुआ काफी मनमोहक छाप छोड़ता है। देर रात तक लोग मेला का लुत्फ उठा रहे हैं। मेला के सांस्कृतिक पंडाल में बीती रात रासरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लखनऊ से आए कलाकारों ने राधा-कृष्ण का नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोहा। इसके साथ ही कहानी राज दरबार की नाटक प्रस्तुत कर खूबवाहवाही लूटी। राजा की भूमिका शुभम शर्मा, प्रधान की कपिल तिवारी, हवलदार की धीरेंद्र पांडेय, सिपाही की राज यादव व कोतवाल की भूमिका अभिषेक कुमार ने निभाई। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा में संत मनोज भारती उर्फ बब्बा के आश्रम में सत्संग हुआ। इस अवसर पर हनुमान दास, वीरस्वरूप, चेतन स्वरूप, रामदास व कृष्ण स्वरूप आदि रहे।