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जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का कब्जा बरकरार

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का कब्जा बरकरार रहा। जबकि भाजप

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 23 Aug 2017 03:01 AM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का कब्जा बरकरार
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का कब्जा बरकरार

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का कब्जा बरकरार रहा। जबकि भाजपा समर्थित प्रत्याशी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। मंगलवार को हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी ज्ञान देवी को 20 मत मिले, जबकि भाजपा सांसद के करीबी की पत्नी राजकुमारी कठेरिया को मात्र नौ वोट ही मिल सके। एक मत निरस्त हो गया।

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वर्ष 2016 में हुए चुनाव में सपा प्रत्याशी सगुना देवी जिलापंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं। सपा सरकार के जाते ही अविश्वास प्रस्ताव के जरिये उन्हें हटा दिया गया। उपचुनाव में भी इस बार सपा की ही ज्ञान देवी कठेरिया निर्वाचित घोषित हुई हैं। विदित है कि ज्ञान देवी ने विगत चुनाव में भी दावेदारी की थी, लेकिन तब तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री शिव पाल ¨सह यादव के दबाव में ज्ञान देवी को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। आखिर डेढ़ वर्ष बाद ज्ञान देवी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज हो गई हैं। भाजपा ने औपचारिक रूप से राजकुमारी को प्रत्याशी घोषित नहीं किया था, लेकिन भाजपा सांसद मुकेश राजपूत इसे प्रतिष्ठा बनाए हुए थे। पार्टी पदाधिकारी भी उनके अभियान में साथ थे। सांसद समर्थक प्रत्याशी की हार से पार्टी की किरकिरी हुई है। हालांकि इसके पीछे पार्टी के भीतर की मतभिन्नता को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

डीएम ने किया जीत का एलान

मतदान के बाद सवा तीन बजे मतगणना शुरू हुई। 15 मिनट बाद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने माइक पर घोषणा की कि सपा की घोषित प्रत्याशी ज्ञान देवी कठेरिया को 20 मत प्राप्त हुए हैं। जबकि उनकी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी राजकुमारी कठेरिया को नौ वोट मिले हैं। एक मत निरस्त कर दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञान देवी को जीत का प्रमाणपत्र सौंप दिया।

विरोध के बाद राजकुमारी के पति को मतगणना कक्ष में प्रवेश

जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने मतगणना शुरू होने से पहले कहा कि मतदान सहायक मतगणना के दौरान कार्यालय में मौजूद नहीं रह सकेंगे। जिला पंचायत सदस्य व प्रत्याशी ही मौजूद रहेंगे। इस पर पुलिस ने निर्वाचित अध्यक्ष ज्ञानदेवी के मतदान सहायक सपा नेता अनिल मिश्रा को बाहर ही रोक दिया। जबकि उनके अन्य कई समर्थक सदस्य वहां मौजूद थे। दूसरी ओर राजकुमारी अथवा उनके समर्थक सदस्य पहले ही चले गए थे। राजकुमारी के पति मतदान सहायक को कार्यालय में जाने से रोक दिया गया। इस पर राजकुमारी के पति कैलाश कठेरिया उर्फ कल्लू ने आरोप लगाया कि प्रशासन शुरू से ही सपा की मदद कर रहा है। इसीलिए उन्हें अंदर जाने से रोका गया है। करीब सात मिनट तक चली जद्दोजहद के बाद अंदर आने की अनुमति दे दी। चुनाव में हार के बाद कल्लू ने कहा कि सांसद भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने उनकी पूरी मदद की। पार्टी में फूट के संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।


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