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बूथों पर सुबह सरपट दौड़ी फिर स्लो हुई मतदान एक्सप्रेस

मतदान के लिए निर्धारित समय की शुरुआत और मॉक पोल समाप्त होने से पहले ही लोग वोट डालने के लिए बूथों तक पहुंच गए थे। इसके चलते शुरुआती दो घंटों में मतदान का फीसद अच्छा रहा। हालांकि नौ बजे के बाद लोगों के चाय-नाश्ते में फंसने के चलते वोटिग का फीसद कुछ कमजोर पड़ा लेकिन 11 बजे के बाद भीषण गर्मी और लू के बावजूद लोगों का अगले चार घंटों तक उत्साह नहीं थमा। हालांकि अपराह्न तीन से पांच बजे के बीच मतदान एक्सप्रेस की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी लेकिन पांच बजे तक संसदीय क्षेत्र में मतदान का औसत 53.46 फीसद तक पहुंच चुका था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 11:26 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 06:23 AM (IST)
बूथों पर सुबह सरपट दौड़ी फिर स्लो हुई मतदान एक्सप्रेस
बूथों पर सुबह सरपट दौड़ी फिर स्लो हुई मतदान एक्सप्रेस

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सुबह सरपट दौड़ी मतदान एक्सप्रेस शाम होते-होते स्लो हो गई। यही कारण रहा कि लोकसभा क्षेत्र के मतदाता फ‌र्स्ट डिवीजन आने से चूक गए। सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में शाम छह बजे तक सिर्फ 58.87 फीसद ही मत पड़ सके।

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मतदान के प्रति लोगों के रुझान का यह आलम था कि सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले अपनी वोटर पर्ची जेब में डाल कर निकले थे। इनमें बुजुर्ग और युवा दोनों ही वर्गों के लोग शामिल थे। कुछ महिलाएं भी दिन का काम शुरू करने से पहले मतदान की जिम्मेदारी से निवृत्त होना चाहती थीं। इसीलिए सुबह सात बजे से पहले ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की लाइन लगना शुरू हो गईं। कई बूथों पर तो मतदान कर्मी मॉक-पोल भी पूरा नहीं कर सके थे। कई स्थानों पर मशीनों की खराबी के चलते मतदान में देरी हुई तो वोटरों ने नाराजगी भी जाहिर की। इसके बावजूद पहले दो घंटे में 11.4 फीसद मतदान रिकार्ड किया गया। सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच रफ्तार कुछ सुस्त रही। लोगों को चाय-नाश्ते में देरी हुई तो वोटिग का औसत 10.3 फीसद पर आ गया। हालांकि भीषण गर्मी, उमस और लू के थपेड़ों के बावजूद अगले चार घंटों में बंपर मतदान हुआ। सुबह 11 से एक बजे तक 11.4 और एक से तीन बजे के बीच 11.8 फीसद का मतदान रिकार्ड किया गया। सूरज ढलने के साथ लोगों के उत्साह में कुछ कमी आई और वोटिग का फीसद घट कर 8.56 रह गया। शाम छह बजे तक औसत मतदान 58.87 फीसद पर जाकर अटक गया।

पचास फीसद किन्नरों ने भी डाले वोट

पिछले लोक सभा चुनाव में जहां एक भी किन्नर मतदाता पोलिग बूथ तक नहीं पहुंचे थे, वहीं इस बार जनपद के 35 किन्नरों ने मताधिकार का प्रयोग किया। प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार विधानसभा क्षेत्र भोजपुर के चार, अमृतपुर व कायमगंज के नौ-नौ और सदर विधानसभा क्षेत्र के 13 किन्नरों ने मतदान किया।

दिव्यांगों के 75 फीसद वोट पड़े

मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया की मानें तो लोकसभा चुनाव में जनपद के 75 फीसद दिव्यांग वोटरों ने मताधिकार का उपयोग किया। जनपद के लगभग 17 हजार दिव्यांग वोटरों में से 13321 दिव्यांग बूथों तक पहुंचे।

मॉडल बूथों के नाम बड़े-दर्शन थोड़े

प्रशासन की ओर से जनपद में लगभग दो सैकड़ा बूथों को मॉडल बूथ बनाया गया था। इनमें से अधिकांश का जिम्मा बैंकों और निजी कॉन्वेंट स्कूलों को सौंपा गया था। मॉडल बूथों का जो नक्शा जिला प्रशासन की ओर से खींचा गया था, वैसा नजारा अधिकांश स्थानों पर नहीं दिखा। अधिकांश मॉडल बूथों पर वोटरों के बैठने के लिए न तो पर्याप्त कुर्सियां उपलब्ध थीं और न ही मतदाताओं को टोकन से वोट डालने की सुविधा मिली। वोटरों को बूथ के आगे धूप में लाइन में लगकर ही वोट डालने की मशक्कत उठानी पड़ी। कई जगह तो पेयजल तक का टोटा दिखा।


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