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पुलिसवालों से बोला दाऊद का शूटर, 'भुगतोगे अंजाम'

जेल प्रशासन की ओर से भी उसे मुंबई वापस भेजने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Mon, 08 May 2017 02:08 PM (IST)Updated: Mon, 08 May 2017 02:08 PM (IST)
पुलिसवालों से बोला दाऊद का शूटर, 'भुगतोगे अंजाम'
पुलिसवालों से बोला दाऊद का शूटर, 'भुगतोगे अंजाम'

फरुखाबाद (जागरण संवाददाता)। देश के सबसे बड़े वांछित अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी रहे शार्प शूटर सुभाष ठाकुर को शनिवार रात फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार से मुंबई सेंट्रल जेल भेज दिया गया। रवाना होते वक्त वह जेल अफसरों को अंजाम भुगतने की धमका दे गया। जेल के अधिकारियों ने इसकी जानकारी शासन को दी है। ठाकुर नौ वर्षो से यहां पर निरुद्ध था। वह मुंबई नहीं जाना चाहता था। जेल से स्थानांतरण पर वह बुरी तरह बौखला गया था।

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फतेहगढ़ से मुंबई भेजे जाने की भनक लगते ही सुभाष ठाकुर ने पिछले माह मुंबई हाईकोर्ट में याचिक दायर कर दी थी। याचिका में कहा था कि जब तक उसके मुकदमे का यूपी में ट्रायल चल रहा है, उसे यहीं रखा जाए। इस संबंध में मुंबई हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने कहा कि सुभाष खतरनाक अपराधी है, इसलिए उसका उत्तर प्रदेश में रहना उचित नहीं होगा। सरकार के जवाब के बाद ठाकुर ने याचिका वापस ले ली थी।

जेल प्रशासन की ओर से भी उसे मुंबई वापस भेजने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया। कारागार विभाग के संयुक्त सचिव सूर्य प्रकाश सिंह सेंगर ने सुभाष के मुंबई स्थानांतरण का शासनादेश जारी कर दिया था। वरिष्ठ जेल अधिकारियों ने स्वीकार किया सुभाष ठाकुर ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी दी है।

जाने से पहले ड्रामा, पुलिस गारद को लौटाया: सुभाष को शनिवार शाम ही ले जाने की तैयारी थी। उसे लेने के लिए पुलिस गारद जेल पहुंची। गारद को अपर्याप्त बताकर ठाकुर ने लौटा दिया। देर रात नगर मजिस्ट्रेट शिव बहादुर पटेल व सीओ सिटी आलोक सिंह ने जेल पहुंचकर सुभाष से वार्ता की और कड़ी सुरक्षा के बीच उसे मुंबई रवाना किया।

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टाडा कोर्ट से मिला था मृत्युदंड: सुभाष के खिलाफ वर्ष 1991 में वाराणसी में आर्म्स एक्ट का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी केस के सहारे वह लगभग एक दशक से उत्तर प्रदेश में रुका हुआ था। इससे पहले उसे मुंबई की टाडा कोर्ट से मृत्युदंड मिला था जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उम्रकैद में बदल दिया गया।

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