दीपावली के वास्तविक नायक हैं सफाईकर्मी
संवाद सहयोगी कायमगंज दीपावली सफाई स्वच्छता का पर्व है। घरों व दुकानों में वर्ष भर की जमा
संवाद सहयोगी, कायमगंज : दीपावली सफाई स्वच्छता का पर्व है। घरों व दुकानों में वर्ष भर की जमा गंदगी व कूड़ा कचरा दीपावली के दिनों में ही बाहर निकलता है। जिससे दीपावली वाले पखवारे में हर सुबह सड़कों पर कूड़े के अंबार लग जाते हैं। जिससे सफाई कर्मियों का काम कई गुना बढ़ जाता है। दीपावली के दिनों में सफाई कर्मी जितनी मेहनत, निष्ठा व कर्तव्य परायणता से काम करते हैं। उससे कहा जा सकता है कि दीपावली के वास्तविक नायक तो वही हैं।
दीपावली पर्व से सफाई की परंपरा जुड़ी है। धार्मिक मान्यता हैं कि दीपावली की रात भ्रमण करने वाली लक्ष्मी जी उन्हीं घरों में रुकती हैं, जो साफ सुथरे होते हैं। इसलिए दीपावली सफाई व स्वच्छता का पर्व बन गया। वहीं वैज्ञानिक आधार पर सफाई स्वच्छता तो सदैव की सकारात्मक होती है। गर्मी व वर्षा के बाद वातावरण में तमाम विषाणु हो जाते हैं। दीपावली पर घरों की सफाई स्वच्छता से वह विषाणु नष्ट होते हैं। जब घरों व दुकानों मे वार्षिक सफाई होती है, तो प्रतिदिन सड़कों पर कूड़ा कचरा का अंबार हो जाता है, जो सामान्य दिनों के मुकाबले कई गुना होता है। जिसका अतिरिक्त पारिश्रमिक मिलना तो दूर, उल्टे कोरोना व लॉकबंदी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से सफाई कर्मियों को तीन माह के वेतन में से एक माह का वेतन मिल सका है। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजेंद्र पाल ने बताया कि दीपावली के दिनों में सुबह छह बजे से काम में लगे कर्मचारी शाम चार बजे तक काम से निपट पाते हैं। ठेका के कर्मचारियों को तो आधा वेतन ही मिल सका है। नगर पालिका में आर्थिक संकट इतना है कि सभी कर्मचारियों को एक माह का पूरा वेतन भी निकल पाना कठिन हो गया है। इसके बावजूद सफाई कर्मचारी पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सफाई कर्मचारियों के महत्व को पहचाना और उन्होंने कुंभ मेला के बाद सफाई कर्मचारियों के पैर धोकर उन्हें बहुत बड़ा सम्मान दिया था।