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ऑनलाइन ईदी और वाट्सएप पर सलाम

कोरोना की मेहरबानी चलते इस बार आम लोगों की ईद हाईटेक हो गई। बीमारी का खौफ लोगों के जहन पर इस कदर हावी रहा कि आमने सामने मुलाकात के बजाए लोगों ने वाट्सअप वीडियो कॉल का सहारा लिया। छोटों ने ईदी का ताना दिया तो भुगतान ऑनलाइन हो गया। किसी ने पेटीएम तो किसी ने गूगल-पे से ईदी भेज दी। दूसरों के घर सेवईं खाने जाने की जगह अपने ही घर पर कवाब बिरियानी के चटखारे लिए गए। ईदगाह जाने पर पाबंदी के चलते ईद की नमाज सबने एक साथ पापा की कयादत में अदा कर ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 05:27 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:00 AM (IST)
ऑनलाइन ईदी और वाट्सएप पर सलाम
ऑनलाइन ईदी और वाट्सएप पर सलाम

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना की मेहरबानी चलते इस बार आम लोगों की ईद हाईटेक हो गई। बीमारी का खौफ लोगों के जहन पर इस कदर हावी रहा कि आमने सामने मुलाकात के बजाए लोगों ने वाट्सएप वीडियो कॉल का सहारा लिया। छोटों ने ईदी का ताना दिया तो भुगतान ऑनलाइन हो गया। किसी ने पेटीएम तो किसी ने गूगल-पे से ईदी भेज दी। दूसरों के घर सेवई खाने जाने की जगह अपने ही घर पर कवाब बिरियानी के चटखारे लिए गए। ईदगाह जाने पर पाबंदी के चलते ईद की नमाज सबने एक साथ पापा की कयादत में अदा कर ली।

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गले लगकर मुबारकबाद देना जिस त्योहार की पहचान हो, शारीरिक दूरी के साए में उस ईद को मनाना भी सबके लिए नया तजुर्बा रहा। इस साल ईदी पूरी तरह डिजिटल नजर आई। वाट्सएप, गूगल-पे और पेटीएम ने नई रवायतों को इजाद कर लिया। इस साल की ईद कई नए तजुर्बे देकर गई। चांद दिखते ही फेसबुक पर मुबारकबादों का सिलसिला रविवार शाम से ही शुरू हो गया। सुबह होते-होते वीडियो कॉल घनघनाने लगे। बच्चे फोन लेकर एक से दूसरे तक पहुंचाते दिखे। इसी बीच उनकी भी ईदी और आदाब की जुगाड़ चलती दिखी। ईद पर घरों पर रिश्तेदारों और दोस्तों का जमावड़ा नदारद था। इस बार अपने ही घर पर फर्माइशों की फेहरिस्त लंबी थी। घर पर ही शीर, कोरमा, बिरयानी और कवाब के जायकों में चटखारे गूंज रहे थे। कपड़े पुराने जरूर थे, लेकिन ठसक और अंदाज में कोई कसर नहीं थी। हालांकि कुछ लाडले तो लॉकडाउन में भी नए कपड़ों की जुगाड़ पहले ही कर चुके थे। बेटियों और खवातीन ने भी मेहंदी के कोन रात को ही खाली कर डाले थे। ईदगाह, मस्जिदों में सन्नाटा पसरा रहा

घरों पर ही नमाज का इंतजाम किया गया। बुजुर्गों के पीछे सफ बिछाकर नमाज अदा की गई। रमजान में जकात और ईद के दिन फितरा भी लोगों गरीबों में दिल खोलकर बांटा। हालांकि लॉकडाउन और संडे के चांद ने चांदरात की मस्ती और खरीदारी का रंग जरूर फीका कर दिया।


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