दाखिला नहीं कर रहे कान्वेंट स्कूल, अभिभावक चक्कर लगाने को मजबूर
दाखिला नहीं कर रहे
दाखिला नहीं कर रहे कान्वेंट स्कूल, अभिभावक चक्कर लगाने को मजबूर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पहले चरण के प्रवेश प्रक्रिया भले ही पूरी कर ली गई हो, लेकिन अभिभावक अपने बच्चे का दाखिला कराने के लिए विद्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। इनमें अधिकतर शहर के बड़े स्कूल शामिल हैं। अभिभावकों का कहना है कि पहले आवेदन के लिए मशक्कत करनी पड़ी। जैसे-तैसे बच्चे का नंबर आया तो स्कूल प्रवेश देने से मुकर रहे हैं। आरटीई के तहत कान्वेंट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए आरक्षित हैं। इसके बावजूद जनपद के कई बड़े कान्वेंट स्कूल आरटीई के तहत छात्रों का प्रवेश नहीं कर रहे हैं। दस दिन पूर्व प्रथम चरण में 110 बच्चे प्रवेश के लिए चिह्नित किए गए, लेकिन अभी तक प्रवेश एक चौथाई बच्चों का ही हुआ है। अभिभावक प्रवेश न किए जाने की शिकायतें लेकर बीएसए कार्यालय भी पहुंचे। पटल प्रभारी विशाल गगन ने बताया कि सभी कान्वेंट स्कूलों को सूची भिजवाई जा चुकी है।
केस-एक
आवास-विकास कालोनी निवासी शिवेंद्र सिंह की पुत्री अस्मिता का चयन आरटीई के तहत हुआ है। शिवेंद्र सिंह ने बताया कि जिस स्कूल में उसका चयन हुआ, वहां वह पुत्री का प्रवेश कराने गए तो कह दिया गया कि अभी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय से सूची नहीं आई है। बीएसए कार्यालय गए तो बताया गया कि सूची पहले ही भेजी जा चुकी है। स्कूल व बीएसए कार्यालय के दो बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अभी हुआ कुछ नहीं।
केस-दो
ग्रानगंज के रहने वाले पवन श्रीवास्तव के पुत्र दीपांशु का प्रवेश कक्षा एक में आरटीई के तहत होना है। पवन दो बार विद्यालय जा चुके हैं, लेकिन बेटे को प्रवेश नहीं मिला। पवन श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पहले विद्यालय गए तो स्कूल प्रशासन ने कह दिया कि अगले हफ्ते आना। बीएसए कार्यालय में भी इसकी जानकारी दे चुके हैं। देखते हैं कब तक बेटे का प्रवेश कान्वेंट स्कूल में होता है।
बोले जिम्मेदार
‘आरटीई में प्रवेश न करने की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। फिर भी वह इस मामले को दिखवाएंगे। जो भी कान्वेंट स्कूल आरटीई के तहत बच्चों का प्रवेश नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’
- लालजी यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।