अखबार के कफन में दफन हो गई मा की ममता
सड़क किनारे मिला अख़बार और गमछे में लिपटा नवजात का शव
संवाद सूत्र, कम्पिल (फर्रुखाबाद): वह न तो मा के आचल में खेल पाया और न ही मा की ममता को समझ पाया। इससे पहले ही मा ने अपने ही हाथों से अपने अंश को मौत की आगोश में सुला दिया। उसने अभी दुनिया में आकर आखें खोली ही थीं कि उसके नसीब में बरसात के थपेड़े लिख दिए गए।
रविवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे के सड़क किनारे ग्रामीणों ने अख़बार और गमछे में लिपटे नवजात शिशु को देखा तो कदम ठिठक गए। पास जाकर देखा तो शिशु मृत अवस्था में था। घटना की सूचना गाव में आग की तरह फैल गयी। देखते ही देखते मौके पर लोगों का जमावड़ा लग गया और तरह तरह की चर्चाएं होती रहीं। शरीर पर कोई कपड़ा भी नहीं था। झाड़ियों में नवजात को फेंक कर उसकी मा चली गई। पल भर के लिए मा को ममता भी याद नहीं आई कि उसने जिस बच्चे को नौ माह तक पेट में रखा, उसे तड़पने के लिए कैसे छोड़ दूं? बरसात और भूख ने नवजात को मौत की नींद सुला दिया। क्षेत्र में यह दूसरा मामला है। इससे पहले करीब छह माह पूर्व इसी तरह का एक मामला नगर के मोहल्ला चौधरियान में नाले में एक नवजात का शव मिला था। इस मामले से एक बार फिर मा की ममता शर्मसार हुई है। रविवार सुबह कम्पिल रुदायन रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय पट्टी मदारी के समीप सड़क किनारे मिले नवजात को देखकर जुटी दर्जनों लोगों की भीड़ की जुबान पर यह चर्चा आम रही। स्थानीय लोगों ने इकट्ठा होकर पास के ही एक खेत में गड्डा खोदकर दफना दिया। मामले की सूचना थाने में नही दी गई।